UP में मुकेश सहनी खीचेंगे संजय निषाद की थाली, VIP पार्टी को नाव चुनाव चिह्न मिला

Smart News Team, Last updated: Wed, 8th Dec 2021, 8:48 PM IST
  • यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में भाजपा की गठबंधन साथी मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी को चुनाव आयोग ने 'नाव छाप' चिन्ह आवंटित कर दिया है. उत्तर प्रदेश की रणभूमि में मुकेश सहनी का उतरना यूपी में भाजपा के गठबंधन साथी संजय निषाद की चिंता जरूर बढ़ा सकती है.
फोटो- वीआईपी चीफ मुकेश सहनी का पार्टी चुनाव चिन्ह

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भाजपा की साथी निषाद पार्टी की चिंता बढ़ाने को बिहार में बीजेपी की गठबंधन साथी मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी नाव छाप चुनाव चिन्ह के साथ यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की रणभूमि में उतरेगी. चुनाव आयोग ने यूपी समेत पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों के लिए मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी ( VIP) को चुनाव चिन्ह 'नाव छाप' का आवंटन कर दिया है. चुनाव चिन्ह मिलने से पार्टी के समर्थकों में काफी उत्साह है लेकिन यही चिन्ह यूपी में निषादों की राजनीति करने वाली भोजन की थाली चुनाव सिंबल वाली निषाद पार्टी को जरूर चिंता में डाल सकती है.

दरअसल यूपी में संजय निषाद की निषाद पार्टी का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन है. तो वहीं बिहार में मुकेश सहनी की वीआईपी भी एनडीए का हिस्सा है. खास बात दोनों का मेन वोटर भी निषाद ही है, ऐसे में दोनों पार्टियां अगर अपने-अपने उम्मीदवार जोरों शोरों के साथ मैदान में उतारेगी तो इसका नुकसान दोनों ही पार्टियों पर होगा लेकिन फिर भी संजय निषाद की पार्टी के लिए ये ज्यादा नुकसान होगा. 

जानिए कौन है आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की होने वाली दुल्हन

पहले से भी संजय निषाद की यूपी में अपने समुदाय के वोटरों में पैठ बनी हुई है और ऐसे में मुकेश सहनी का यूपी में उतरना संजय निषाद के वोट बेस के लिए खतरा जरूर हो सकता है. हालांकि, ये भी साफ है कि यूपी में भाजपा अपने कोटे से वीआईपी पार्टी को नहीं बल्कि निषाद पार्टी को ही सीट दे सकती है.

चुनाव चिन्ह मिलने पर वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने केंद्रीय चुनाव आयोग को धन्यवाद देते हुए कहा कि पार्टी कि आयोग से यही अपेक्षा थी. वीआईपी को नाव छाप चुनाव चिन्ह मिले, जिससे हमारे समर्थक प्राचीन काल से ही परिचित हैं, उनकी नाव से खासी पहचान रही है. मुख्य रूप से मछुआ समाज नाव से मछली मारना आदिकाल से करते रहा है, पार्टी नाव छाप को लेकर ही अपने समर्थकों के बीच जाएगी.

सरकार ने सिलेंडर का निकाला ऐसा जुगाड़ कि महंगी रसोई गैस भी लगने लगेगी सस्ती

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि इससे ग्रामीण जनता के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं को समन्वय स्थापित करने में काफी सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि पार्टी के पहचान चिन्ह को लेकर कार्यकर्ताओं ने तैयारी भी काफी जोर-शोर से शुरू कर दिया है. गांव-गांव में पार्टी चिन्ह के आधार पर झंडा पताका बनाए जा रहे हैं. शहरों में पोस्टर बैनर लगाने की कवायद चल रही है, जल्द से जल्द चुनाव चिन्ह आम जनता के बीच लोकप्रिय कर देने की कोशिश है जिससे यूपी चुनाव में जीत हासिल करने में मदद होगी.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें