शिक्षा नीति 2020: UP के विश्वविद्यालयों में 2021-22 सत्र से M.Phill कोर्स होगा बंद
- नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यूपी के सभी विश्वविद्यालयों में 2021-22 से एमफिल कोर्स को बंद करने का फैसला लिया गया. इसकी जानकारी विशेष उच्च शिक्षा मनोज कुमार ने दी.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 2021-22 सत्र से एमफिल कोर्स बंद करने का फैसला ले लिया गया है. केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत इस कोर्स को बंद किया जा रहा है. इस फैसले के बाद से नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से सभी विश्विद्यालयों में एमफिल पाठ्यक्रम का संचालन नहीं होगा. इसकी फैसले की जानकारी विशेष सचिव उच्च शिक्षा ने दी.
विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि ये पाठ्यक्रम एक साल का है जबकि पीएचडी कोर्स तीन साल की अवधि का है. एमफिल के लिए एपीआई स्कोर 5 से 7 प्वाइंट का है जबकि पीएचडी का एपीआई स्कोर 25 से 30 प्वाइंट का है.
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केन्द्र सरकार ने 34 साल बाद नई शिक्षा नीति 2020 का लाया है. जिसमें में ये कहा गया है कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद एमफिल कोर्स को बंद कर दिया जाएगा. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों से इस बारे में राय मांगी थी. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय, कानपुर का छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, झांसी का बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली ने 2021-22 सत्र में एमफिल कोर्स को बंद करने का फैसला लिया है.
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आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति में एमफिल कोर्स को बंद कर दिया. एमफिल की जगह मास्टर की डिग्री या चार साल की बैचलर करेगा. नई शिक्षा नीति की माने तो एमए में रिसर्च की पढ़ाई को भी रखा जाएगा. जिसके बाद स्टूडेंट सीधे पीएचडी कोर्स में दाखिला ले सकेंगे.
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