फसलों को बेचने के लिए आज से यूपी के मंडियों में ई-पास अनिवार्य
- राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा प्रदेश की सभी 220 मंडी स्थल, मंडी समितियों में कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त को सहज रूप से संचालित करने के लिए मंडी के रूप में एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया है.

लखनऊ: प्रदेश में पहली बार मार्च ई-मंडी परीयोजना लागू की जा रही है. इस परियोजना के तहत तयशुदा कृषि उत्पादों के मंडी प्रपत्र जैसे फार्म संख्या 6 काम संख्या 9 और गेट पास इलेक्ट्रॉनिक रूप से मान्य होंगे. यानी ई-मंडी emandi.up.giv.in के जरिए किए गए फार्म ही मान्य होंगे. राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा प्रदेश की सभी 220 मंडी स्थल, मंडी समितियों में कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त को सहज रूप से संचालित करने के लिए मंडी के रूप में एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया है.
ई-मंडी एक वे बेस्ट पोर्टल है. जिसमें मंडी से जुड़े कुछ व्यापारियों के लिए लाइसेंस फॉर्म संख्या 6 फॉर्म संख्या 9 गेट पास आवेदन मॉड्यूल उपलब्ध है. मंडी के तहत फरवरी 2021 तक 8 लाख से अधिक फॉर्म संख्या 6, 4.88 फार्म संख्या नौ और 1.89 गेट पास आवेदन जारी किए जा चुके हैं केवल फरवरी में ही लगभग 4000 लाख मैट्रिक टन कृषि उत्पाद का व्यापारी ई-मंडी के जरिए हुआ है.
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क्या है ई-मंडी से व्यापार की प्रक्रिया
मंडी स्थल में दाखिल होते ही किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन प्रवेश पर्ची जारी की जाती है. किसान अपने उत्पाद को नीलामी द्वारा भी जिस लाइसेंसी व्यापारी का पूछते हैं उसके द्वारा ऑनलाइन फॉर्म संख्या 6 जारी किया जाता है फार्म संख्या 6 जारी होने के बाद व्यापारी के स्टॉक में उत्पाद मात्रा सहित जुड़ जाता है व्यापार जब दूसरे स्थानीय व्यापारी को अपना उत्पाद भेजता है वह फॉर्म संख्या 9 ऑनलाइन बंद करता है इससे उसका स्टॉक भारी हो जाता है और दूसरी व्यापारी के स्टॉक में दर्ज हो जाता है.
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