राजस्थान और एमपी के पानी छोड़ने से यूपी में बाढ़, चंबल और यमुना किनारे गांव डूबे

Smart News Team, Last updated: Fri, 6th Aug 2021, 7:00 PM IST
  • राजस्थान और मध्य प्रदेश से लगातार बारिश के बाद नदियों में पानी छोड़ा गया है. जिसके कारण चंबल और यमुना किनारे के कई गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. यूपी के कई गांवों में पानी आ गया है. इटावा और औरेया के गांवों में पानी आ जाने से लोग पलायन को मजबूर हैं. 
चंबल और यमुना ऊफान पर, यूपी के कई गांवों में पानी घुसा, (प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ. यूपी के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. कई सालों बाद यमुना और चंबल नदी ऊफान पर हैं. यूपी के इटावा और औरेया के कई गांवों में पानी आ गया है जिसके कारण लोग पलायन कर रहे हैं. राजस्थान और मध्यप्रदेश से लगातार नदियों में पानी छोड़ा जा रहा है. चंबल नदी ने अपना सालों पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. चंबल अपने प्रलयकारी रूप में बह रही है. वही हाल यमुना का भी बना हुआ है. जिसके कारण नदी किनारे के गांवों में पानी भर गया है. यूपी में बाढ़ का सामना कर रहे इलाकों का शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्री हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं.

चंबल नदी खतरे के निशान से लगभग नौ मीटर ऊपर बह रही है. जिसने तटवर्ती इलाकों में हाहाकार की स्थिति पैदा कर दी. यूपी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए शुक्रवार को जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह लखनऊ से निकले थे. हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद जलशक्ति मंत्री रात आठ बजे लखनऊ में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. 

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यूपी के औरेया और इटावा में बाढ़ की हालात पर केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी शहजादे खान ने बताया कि जब दो साल पहले चंबल नदी में बाढ़ आई थी. तब उदी में नदी का जलस्तर 128.53 मीटर तक पहुंच गया था. ये उनकी जानकारी के अनुसार अबतक सबसे ऊंचा जलस्तर रहा है. इस बार चंबल उसका रिकॉर्ड तोड़ रही है. उन्होनें बताया कि गुरुवार शाम चार बजे तक 128.37 मीटर तक चंबल का जलस्तर पहुंच गया था जो लगातार बढ़ना जारी है. 

यमुना नदी के बारे में केंद्रीय जल आयोग के इटावा स्थित कार्यालय में स्थल प्रभारी अंचल वर्मा ने बताया है कि अपने खतरे के निर्धारित निशान 121.92 मीटर की सीमा लांघते हुए गुरुवार को दोपहर दो बजे 122.08 मीटर पर पहुंच गई थी. 

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