नहीं रहे फ्लाइंग सिख, लखनऊ की ऐतिहासिक दौड़ में बनाया था राष्ट्रीय रिकॉर्ड
- 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1956 के ओलिंपियन मिल्खा सिंह का शुक्रवार रात को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने 1954 में राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक दौड़ लगाई थी. जिसे वे अपने जीवन की सबसे शानदार दौड़ मानते थे.

लखनऊ. शुक्रवार रात को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. एक महीने तक कोरोना से लड़ाई लड़ने के बाद चंड़ीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. इससे 5 दिन पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर का कोरोना से निधन हुआ था. मिल्खा सिंह ने 1958 में हुए राष्ट्रमण्डल खेलों और 1956 के मेलबर्न में हुए ओलंपिक में यादगार दौड़े लगाई है.
राजधानी लखनऊ में 1954 में लगाई 400 मीटर की दौड़ को मिल्खा सिंह अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ दौड़ मानते थे. इस दौड़ में उन्होंने 45.8 सेंकड का समय लेकर नया रिकॉर्ड बनाया था और प्रतियोगिता का स्वर्ण पदक जीता था. यह उस समय का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी था. जब वे अक्टूबर 2006 में लखनऊ आए थे, तब वे छावनी स्थित सेना के एएमसी सिंडर ट्रैक पर भी गए थे.
वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी को अस्पताल से मिली छुट्टी, ब्रेन सर्जरी रही सफल
इस ट्रैक पर आने के बाद उन्होंने सबसे पहले ट्रैक की मिट्टी को सिर पर लगाया था. यहाँ पहुंचते ही वे 1954 की दौड़ की यादों में खो गए थे. वे इस ट्रैक पर चार नंबर की लेन पर दौड़े थे. उन्हें याद था कि उन्होंने अपनी दौड़ एएमसी के ऐसिहासिक एथलेटिक्स ट्रैक पर कहां से उठाई थी और कहां पर जाकर खत्म की थी. हालांकि उन्हें अपने साथ दौड़ने वाले साथियों के बारे में नहीं याद था.
गोमती नदी के दोनों किनारों पर दिवाली तक शुरू होगा ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण
मिल्खा सिंह को नवाबों के शहर लखनऊ में आना अच्छा लगता था. लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वे बार-बार यहाँ आने के लिए यात्रा नहीं कर सकते थे. वे 2006 के बाद 2017 और 2019 में भी लखनऊ आए थे. 2019 में वे राजधानी के स्कूली कार्यक्रम में आए थे. इस स्कूल ने अपने परिसर में मिल्खा सिंह स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी.
मिल्खा सिंह ने स्कूल पहुंचकर बच्चों को अपनी दास्तां सुनाते हुए कहा था कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. किसी लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत और लगन होनी जरूरी है. उन्होंने बच्चों को यह भी बताया थी कि यह शहर उनके दिल में बसता है और इसी नवाबी शहर में उन्होंने अपने जीवन की सबसे शानदार दौड़ लगाई थी.
अन्य खबरें
बिहार में शिक्षकों की भर्ती जिला परिषद की परामर्शी समिति करेगी, अधिसूचना जारी
HAM की बैठक में मांझी बोले- हम NDA में हैं और रहेंगे, कुछ लोग भ्रम फैला रहे