IFFCO नैनो यूरिया बनाने के लिए नेशनल फर्टिलाइजर्स ने साइन किया MOU, ये है प्लान
- लिक्विड नैनो यूरिया का उत्पादन करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है. सहकारी समिति इफको ने नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और राष्ट्रीय कैमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के साथ नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकल एमओयू पर दस्तखत किया है. यह समझौता केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया और रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा की मौजूदगी में हुआ है.
नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और राष्ट्रीय कैमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स ने लिक्विड नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर सहकारी समिति इफको के साथ एमओयू पर दस्तखत किए हैं. समझौते के तहत इफको बिना किसी रॉयल्टी के एनएफओल और आरसीएफ के साथ लिक्विड नैनो यूरिया की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी. रसायन एंव उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया और रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन और अन्य संबंधित समझौत पर हस्ताक्षर हुए.
जारी बयान के मुताबिक इफको किसानों के बीच नैनो यूरिका का उपयोग बढ़ाने के लिए इन समझौता ज्ञापन के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी. टेक्नोलॉजी ट्रांसपर से उत्पादन बढ़ेगा जिसे आपूर्ति में निरंतरता सुनिश्चित होगी और अधिक से अधिक किसान इसे अपनाएंगे. इससे किसानों के साथ-साथ सरकार के लिए सब्सिडी की बचत होगी.
इफको के एमडी और सीईओ डॉक्टर यूएस अवस्थी ने ट्वीट कर कहा कि कृषि के क्षेत्र में इफको द्वारा बनाए गए क्रांतिकारी उत्पाद विश्व के पहले नैनो यूरिया का उत्पादन बढ़ाने के लिए आज इफको ने एनएफएल और आरसीएफ के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एमओयू किया. नैनो यूरिया आसानी से किसानों को मिलेगा व देश उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा.
कृषि के क्षेत्र में #इफको द्वारा बनाये गये क्रांतिकारी उत्पाद विश्व के पहले “नैनो यूरिया' का उत्पादन बढ़ाने के लिए आज इफको ने @NFL_Kisan व @rcfltd के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एमओयू किया।नैनो यूरिया आसानी से किसानों को मिलेगा व देश उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। pic.twitter.com/M5plLZ0S42
— Dr. U S Awasthi (@drusawasthi) July 27, 2021
बता दें कि NFL और RCF किसानों को नैनों यूरिया आपूर्ति बढ़ाने के लिए नये उत्पादन संयत्र लगाएंगे. रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर देश के किसानों के हितों को ध्यान देने और देश को उर्वरक में आत्मनिर्भर बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मंत्री ने कहा कि इफको द्वारा बनाए गए नैनो यूरिया में देश में खेती के लिए पासा पलटने वाला साबित होने की क्षमता है. भारत नैनो यूरिया का कॉमर्शियल उत्पादन शुरू करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है.
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लिक्विड नैनो यूरिया की शुरुआत दुनिया में सबसे पहले भारत में हुई है. वह भी एक सहकारी संस्थान के जरिए. नैनो फर्टिलाइजर को इफको बॉयोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर कलोल, गुजरात में तैयार किया गया है. इसके पास पेटेंट भी है. पर्यावरम सुरक्षा, कृषि लागत में कमी और किसानों की आय को बढ़ाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई है. नैनो यूरिया के एक 500 एमएल के बोतल में 40000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा. इसके एक बोतल की कीमत सिर्फ 240 रुपये है. यानी मौजूदा यूरिया से 10 फीसदी कम, इसे 100 लीटर पानी में घोलकर पौधों में स्प्रे करना होगा.
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इफको द्वारा तैयार की गई लिक्विड नैनो यूरिया यूरिया की जरूरत को 50 फीसदी तक कम करेगा. यह एक पर्यावरण अनुकूल उत्पाद है. मिट्टी, हवा और पानी के प्रदूषण को रोकने में सहायक है. नैनो यूरिया में नाइट्रोजन के नैनो आकार के कण होते है. इन कणों का औसत भौतिक आकार 20-50 नैनोमीटर की सीमा में है. इसकी प्रभावशीलता की जांच 94 फसलों और लगभग 11000 खेतों में की गई है. परिणास्वरूप उपज में औसतन 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. कई देश भारतीय कृषि की इस खोज का फायदा लेना चाहते हैं.
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