प्रदेश में पहली बार PGI में रोबोट से दो मासूमों का हुआ सफल ऑपरेशन, मिला नया जीवन

Ruchi Sharma, Last updated: Sat, 19th Feb 2022, 8:45 AM IST
  • राजधानी लखनऊ के पीजीआई में पहली बार रोबोट से दो मासूम बच्चों का जटिल ऑपरेशन सफल हो पाया है. रोबोट से बच्चों के ऑपरेशन की उपलब्धि से प्रदेश का यह पहला संस्थान बन गया है. दोनों बच्चियों के ऑपरेशन चंडीगढ़ पीजीआई के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ रवि कनौजिया के अगुवायी में संस्थान के डॉक्टरों ने किया है.
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ. टेक्नोलॉजी अब इतनी आगे निकल चुकी है जिसके बारे में हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं. इन टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल रोबोटिक्स में हो रहा है. इंसान द्वारा विकसित रोबोट अब दुनिया के अधिकतर काम करने लगे हैं. यहीं नहीं ये अस्पतालों में बड़े से बड़े ऑपरेशन भी कर रहे हैं. जो सफल भी हो रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के पीजीआई में पहली बार रोबोट से दो मासूम बच्चों का जटिल ऑपरेशन सफल हो पाया है. रोबोट से बच्चों के ऑपरेशन की उपलब्धि से प्रदेश का यह पहला संस्थान बन गया है.

दोनों बच्चियों के ऑपरेशन चंडीगढ़ पीजीआई के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ रवि कनौजिया के अगुवायी में संस्थान के डॉक्टरों ने किया है. इस सफलतापूर्वक ऑपरेशन से बच्चों को नया जीवन मिला है. दोनों मासूम की सेहत में सुधार है. बच्चे वार्ड में भर्ती हैं.

जानिए ऑपरेशन में कितना लगा समय व पैसा

पीजीआई के पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ बसंत कुमार के मुताबिक पहले ऑपरेशन में 1 घंटे और दूसरे ऑपरेशन में करीब डेढ़ घंटे लगे. प्रत्येक बच्चे के ऑपरेशन में करीब एक- एक लाख रुपये लग गया. डॉक्टर बसंत ने बताया कि रोबोट से सटीक एवं सुरक्षित ऑपरेशन होता है. इसमें जोखिम कम होता है. पीजीआई निदेशक डॉक्टर आरके धीमन और रोबोट के नोडल अफसर डॉ अमित अग्रवाल ने टीम को बधाई व शुभकामनाएं भी ही. बाते दें कि देश में सिर्फ 5 संस्थानों में रोबोट से बच्चों के ऑपरेशन हो रहे हैं.

 

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रोबोट के जरिये ऑपरेशन कर निकाली थायराइड ग्रंथि

बता दें कि कुछ दिन पहले लखनऊ में पीजीआई ने पहली बार रोबोट के जरिये मुंह के रास्ते गले में पहुंचकर एक महिला के थायराइड का सफल ऑपरेशन करने में कामयाबी हासिल की थी. डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी के द्वारा थायराइड ग्रंथि को निकाला और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ भी है. इस ऑपरेशन की खास बात यह रही की गले में कोई भी कट या चीरे का निशान नहीं लगाना पड़ता है और ऑपरेशन के बाद भी किसी तरह का कोई निशान नहीं पड़ता है.

 

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