कोरोना से जंग लड़ रहा 'टाइगर', लखनऊ के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा इलाज
- पाकिस्तान में कैद में रहकर हर जुल्म सहकर वापस लौटे रॉ के पूर्व एजेंट मनोज रंजन दीक्षित जिदंगी-मौत की लड़ाई लड़ रहा है. मनोज रंजन दीक्षित कोरोना संक्रमित होने से एक क्लीनिक में भर्ती हैं. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले हर रोज बढ़ते ही जा रहे हैं. पाकिस्तान में कई साल कैद में रहने के बाद सही सलामत लौटे रॉ के पूर्व एजेंट मनोज रंजन दीक्षित कोरोना की चपेट में आ गए हैं. वे राजधानी लखनऊ के एक क्लीनिक में भर्ती हैं. उनके हालत गंभीर बताई जा रही है. उनको कोविड अस्पताल में भर्ती करने की कोशिश की जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 2013 में रॉ के पूर्व एजेंट मनोज रंजन दीक्षित की पत्नी की कैंसर से मौत हो गई थी. कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद मनोज रंजन को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. जिसके बाद समाजसेवियों ने उनको डॉक्टर को दिखाया. जिसके बाद उनको निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है.
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कोविड कमांड सेंटर की प्रभारी ऋतु सुहास ने रॉ के पूर्व एजेंट मनोज रंजन दीक्षित को कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कोशिश शुरू कर दी है. उनकी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट क्लीनिक के डॉक्टर ने हाथ से लिखी है इसलिए वेरीफिकेशन कराने के बाद पोर्टल पर आईडी बनाकर प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की जा रही है.
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आपको बता दें कि मनोज रंजन दीक्षित रॉ के एजेंट रह चुके हैं. 1992 में पाकिस्तान में उनको जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में वहां की सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर 2005 में रिहा किया गया. लॉकडाउन के दौरान उनकी प्राइवेट नौकरी भी छूट गई और मुफलिसी के शिकार हो गए. इसके बाद आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार ने उनकी कहानी सबको बताई. जिसके बाद कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए. जिससे उनको मकान भी मिल पाया और समाजसेवियों ने आर्थिक सहायता दी. आज वही देशभक्त जिंदगी के लिए लड़ाई लड़ रहा है.
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