दर्दनाक हादसा ! लखनऊ में सेप्टिक टैंक में गिरकर चार साल के मासूम की मौत
- लखनऊ के गुडंबा इलाके के अतरौली गांव में बुधवार दोपहर घर के बाहर खेलते वक्त पास के चार फीट गहरे सेप्टिक टैंक में गिरने से 4 साल के मासूम की मौत हो गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से बच्चे के शव को टैंक से बाहर निकाला. लोगों ने कहा कि टैंक खुला होने की वजह से हादसा हुआ है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गुडंबा इलाके के अतरौली गांव में बुधवार दोपहर घर के बाहर खेलते वक्त पास के चार फीट गहरे सेप्टिक टैंक में गिरने से 4 साल के मासूम की मौत हो गई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से बच्चे के शव को टैंक से बाहर निकाला. आसपास के लोगों का कहना है कि सेप्टिक टैंक खुला होने की वजह से ये हादसा हुआ है. इस हादसे के बाद से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. पुलिस सेप्टिक टैंक मालिक का पता लगा रही है.
घटना के बारे में गुड़ंबा थाना इंस्पेक्टर सतीश चंद्र साहू ने बताया कि मूल रूप से झारखंड निवासी दिहाड़ी मजदूर टुन्नू अपने परिवार के साथ अतरौली गांव में रहता है. बुधवार को उनका चार साल का बेटा राज घर के बाहर खेल रहा था. इसी दौरान वह पड़ोस में ही स्थित सेप्टिक टैंक में गिर गया. आसपास के लोगों ने राज को बचाने की बहुत कोशिश की मगर सफल नहीं हो सकें. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों की मदद से मृतक के शव को बाहर निकाला.
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मिली जानकारी के मुताबिक, सेप्टिक टैंक सोनू कुमार नाम के एक शख्स ने बनवाया है. और वहीं उसका मालिक भी है. फिलहाल वह घटनास्थल पर लंबे समय से नही रह रहा था. मगर वह करीब 4 फीट गहरा सेप्टिक टैंक बनवाकर उसे खुला ही छोड़ रखा था. इस हादसे के बाद परिजनों की तहरीर के आधार पर इस मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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नगर निगम औऱ स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा
सेप्टिक टैंक में मासूम के गिरने की खूबर सनते ही आसपास के इलाकों में हडकंप मच गया. मौके पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. मासूम के पिता भी घर की ओर दौड़ते हुए आए. बेटे राज की मौत से टून्नू व उसकी पत्नी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. पास से गुजरे नाले और सेप्टिक टैंक दोनों के खुला होने की सूचना पहले ही स्थानीय लोगों ने प्रशासन को दी थी. मगर अब तक उनकी तरफ से कोई कार्रवाई न होने से लोगों में आक्रोश है. लोगों ने आरोप लगाया है कि कई बार नगर-निगम व स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन उनकी एक बार भी नहीं सुनी गई. यहीं कारण है कि बुधवार को एक बच्चे की जान चली गई.
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