22 अक्टूबर को राज्य सरकार पेश करे SC/ST पीड़ितों के लिए बनाई स्कीम, हाईकोर्ट ने दिए आदेश
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से एससी-एसटी वर्ग के लिए बनाई गई स्कीम तलब की है. कोर्ट ने कहा कि 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई में यूपी सरकार को पेश करने के आदेश दिए.

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान लखनऊ बेंच में न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खड़पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से एससी-एसटी अघिनियम व संबंधित नियम के तहत बनाई एससी एसटी स्कीम को तलब किया. कोर्ट ने आदेश दिया कि 22 अक्टूबर को अगली सुनवाई में सरकार कोर्ट में स्कीम पेश करे.
अभी तक नहीं मिला मकान, नौकरी और पेंशन का लाभ
मामले की पिछली सुनवाई में पीड़िता के वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़ित के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा मिल चुका है. वहीं, अधिनियम के अुनसार, मृतक के आश्रित को 5 हजार रुपये पेंशन, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, कृषि भूमि, मकान व स्नातक तक की पढ़ाई का खर्च मिलने का प्रावधान है. वहीं, अभी तक मकान, नौकरी और पेंशन का लाभ परिवार को अब तक नहीं दिया गया है.
हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर अपर मुख्य सचिव से मांगा था स्पष्टीकरण
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव, डीजीपी समेत कई अधिकारियों को तलब करके उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. वहीं, इस मामले में देर रात अंतिम संस्कार को लेकर भी कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी कि यह कानून का उल्लंघन है. परिवार को अंतिम संस्कार अपने धर्म के अनुसार करने का पूरा अधिकार है.
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बता दें कि 14 सितंबर 2020 को हाथरस के चंदपा थाने के एक गांव में 19 साल की लड़की के साथ रेप किया गया. जिसे पहले जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और वहां से उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. जिसके बाद इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी.
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