हाथरस मामले में CM योगी आदित्यनाथ की UP पुलिस ने पूरे विपक्ष पर लाठियां बरसा दी
- योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस ने हाथरस मामले में कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी समेत कई विपक्षी नेताओं पर लाठीचार्ज कर राजनीति का माहौल गर्म कर दिया है.

हाथरस गैंगरेप मामला जब शुरू हुआ तो योगी आदित्यनाथ सरकार भी नहीं जानती थी यह इतना बड़ा मुद्दा बन जाएगा. आखिर बने भी क्यों नहीं, यहां मामला देश-प्रदेश की बहन और बेटियों का है. हाथरस पीड़िता की मौत के बाद यूपी पुलिस ने उसके शव का रात तीन बजे अंतिम संस्कार कर दिया या कहें तो जला दिया. सुबह होते ही बात आग की तरह फैली और विपक्ष ने सीएम योगी को घेरना शुरू कर दिया. इस बीच कांग्रेस ने तय किया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे. लेकिन जैसे ही कांग्रेसी निकले उन्हें नोएडा ही रोक लिया गया. इस दौरान पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं जिसकी जद में राहुल और प्रियंका भी आ गए.
कांग्रेस ने मामले में विरोध जताया, प्रदर्शन किया और आखिरकार तीन दिनों की मेहनत के बाद राहुल और प्रियंका को जाने की अनुमति मिल गई. लेकिन इस अनुमति से पहले यूपी पुलिस या कहें तो योगी की पुलिस ने जिस तरह नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया उसे देखकर कोई भी कांप जाएगा. जिसमें की इतने सब की शायद जरूरत नहीं थी. हालांकि पुलिस की लाठी सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं रुकी, आगे बढ़कर अखिलेश की समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बरसी.
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सिर्फ इतना ही नहीं रविवार को हाथरस पीड़िता से मिलने गए रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पर भी यूपी पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसका कई बड़े नेताओं ने विरोध जताया. रालोद कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धरने भी दिए. इससे पहले चंद्रशेखर रावण के कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस लाठी भांज चुकी थी. वहीं सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की.
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हालांकि, पुलिस ने उनसे तो कुछ नहीं कहा लेकिन इस दौरान उनपर स्याही से हमला जरूर हो गया. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि यह हमला बीजेपी ने किया. हालांकि किसने किया ये अभी पुलिस ने नहीं बताया लेकिन जब आप कार्यकर्ताओं ने इस बात पर हंगामा किया तो लाठी के दम पर उन्हें भी खदेड़ दिया गया. यानी विपक्ष में कोई भी पार्टी का नेता हाथरस पहुंचा उनमें और पुलिस के बीच कॉमन रही तो लाठी. अब अलग-अलग नेताओं पर हुई यही लाठीचार्ज अगर भारी पड़ गई तो सीएम योगी की भाजपा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में जरूर नुकसान हो सकता है.
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हाथरस कांड तूल पकड़ने के बाद अब मामला सीबीआई के हाथ सौंपा गया है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने मामले के निपटारे के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसने पीड़ित परिवार से बातचीत के बाद जांच करनी शुरू की थी. इसी वजह से पुलिस का कहना था कि जब तक एसआईटी की जांच होगी तब तक कोई बाहरी व्यक्ति पीड़ित परिवार से नहीं मिल सकता है.
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