कृषि कानूनों का जिक्र किए बिना शाह बोले, हमारे फैसले गलत हो सकते हैं, मंशा नहीं

Atul Gupta, Last updated: Fri, 17th Dec 2021, 6:13 PM IST
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि कानूनों का जिक्र किए बिना कहा कि सरकार के फैसले गलत हो सकते हैं लेकिन उनकी मंशा गलत नहीं है. कृषि कानूनों के खिलाल करीब एक साल तक चले विरोध के बाद सरकार ने बिल वापस ले लिया था.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

लखनऊ: शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिना कृषि बिल का नाम लिए कहा कि हमारे कुछ फैसले गलत हो सकते हैं लेकिन हमारी मंशा गलत नहीं रही. सरकार के सात सालों की उपलब्धियां गिनवाते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछले सात सालों में काफी बदलाव हुए और इस दौरान सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा. उन्होंने आगे कहा कि देश ने पिछले सात सालों में कई बदलाव देखे हैं और इन सात सालों में सरकार पर एक भी करप्शन चार्ज नहीं लगा. उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है हमारे कुछ निर्णय गलत रहे हों लेकिन कोई नहीं कह सकता कि हमारी मंशा गलत है.

इस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि यूपीए शासनकाल में लोगों का लोकतंत्र से विश्वास डगमगा गया था जिसे मोदी सरकार ने बहाल किया है. उन्होंने कहा कि देश में मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम है जो यूपीए सरकार के दौरान फेल होने की कगार पर पहुंच गया था. उन्होंने कहा कि ये सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि लोगों का फिर से मल्टी पार्टी सिस्टम पर विश्वास बढ़ा है.

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लखनऊ में निषाद समाज की सरकार बचाओ, अधिकार पाओ रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी. इस दौरान अमित शाह ने सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों ने कई सालों तक देश और उत्तर प्रदेश में शासन किया लेकिन ना गरीब के घर में रसोई गैस पहुंची ना ही शौचालय बन सका.

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