कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देंगे लखनऊ के सैकड़ों प्राइमरी स्कूल
- औरंगाबाद के बेसिक स्कूल का कायाकल्प एयरपोर्ट अथॉरिटी व बेसिक शिक्षा विभाग के प्रयास से हुआ है. हर मामले में यह सरकारी स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों पर भारी है.
लखनऊ: स्कूल के हर कमरे व बरामदे की फर्श पर टाइल्स, मैदान में बच्चों के झूले, छत पर सोलर पैनल, विज्ञान प्रयोगशाला, पीने के पानी के लिए टोटिंयों वाले नल, बैठने के लिए सनमाइका लगी बेंच और डेस्क, पु्स्तकालय तथा खेल कक्ष. यह स्थिति किसी कॉन्वेंट स्कूल की नहीं बल्कि लखनऊ के औरंगाबाद स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल की है. शिक्षक शिक्षिकाओं के ईमानदार प्रयास तथा सरकारी मदद से राजधानी में इस तरह के हजार से ज्यादा स्कूलों का कायाकल्प हुआ है. जो प्रदेश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं.
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जहां कुछ प्राइमरी स्कूलों की स्थिति बेहद ही खराब है वहीं तमाम ऐसे स्कूल भी है जिनका मुकाबला कॉन्वेंट नहीं कर पा रहे हैं. संसाधनों की बात तो या योग्य शिक्षकों की, हर मामले में यह सरकारी स्कूल कॉनवेंट पर भारी हैं. राजधानी के करीब 1000 स्कूलों की तस्वीर काफी बदल गई है. इनमें अब कहीं भी कच्ची फर्श नहीं है. बैठने के लिए बेंच लग गई हैं. रंगाई पुताई के बाद स्कूल चमक रहे हैं. दीवारों पर बच्चों की नॉलेज बढ़ाने वाली पेंटिंग बनी हैं.
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औरंगाबाद के बेसिक स्कूल का कायाकल्प एयरपोर्ट अथॉरिटी व बेसिक शिक्षा विभाग के प्रयास से हुआ है. इसकी छतों पर सोलर पैनल लगा है. इससे स्कूल में हमेशा बिजली रहती है. हर कमरे में पखें व लाइट लगी है. वहीं 6 से 8 के तक के बच्चों के लिए प्रयोगशाला भी है.
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