अब पीने का पानी दूषित निकला तो मिलेगा मुआवजा, जाने कैसे और कहां करें शिकायत

Smart News Team, Last updated: Sun, 14th Feb 2021, 9:34 PM IST
  • अगर पानी की जांच में ये साबित हो गया कि आपको पानी पीने से बीमारी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप उस जल आपूर्ति विभाग या एजेंसी से पूरी तरह से मुआवजा पाने के हकदार हैं.
अब पीने का पानी दूषित निकला तो मिलेगा मुआवजा, जाने कैसे और कहां करें शिकायत

लखनऊ: क्या आपके यहां दूषित पेयजल की सप्लाई हो रही है, और विभाग सचेत नहीं हो रहा तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. जल्द ही आप अपने घर, दफ्तर, शिक्षण संस्थान व अन्य स्थानों पर उपलब्ध पाइप के नल, हैण्डपम्प से मिलने वाले पेयजल की गुणवत्ता की जांच आसानी से करवा सकेंगे. अगर पानी की जांच में ये साबित हो गया कि आपको पानी पीने से बीमारी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप उस जल आपूर्ति विभाग या एजेंसी से पूरी तरह से मुआवजा पाने के हकदार हैं.

पूरे देश कि पेयजल जांच प्रयोगशालाएं अब आम जनता के लिए खोली जाने वाली हैं. जल जीवन मिशन के तहत बीमारियों को पेयजल से जोड़ दिया गया है. इस योजना कि शुरुआत जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे. केन्द्र सरकार द्वारा 'हर घर जल' कार्यक्रम में पानी की गुणवत्ता की जांच निगरानी व सर्विलांस के लिए एक नया पोर्टल WQMIS विकसित किया गया है, जिसे https://neer.icmr.org.in यानि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से जोड़ा गया है.

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मोबाइल एप्लिकेशन पर करवा सकेंगे

इसमें पंजीकरण के लिए आपको एप्लिकेशन पर अपना यूजर इड बनाकर आप ऑनलाईन ही अपने पानी की गुड़वात्ता जांच का अपॉइंटमेंट ले सकते हैं. उसके बाद आपको नजदीकी प्रयोगशाला में पानी का सैम्पल लेकर जाना होगा और वहां निर्धारित शुल्क लेकर आपका सैम्पल ले लिया जाएगा और जांच के बाद आपको उसकी रिपोर्ट भी उपलब्ध करवा दी जाएगी.

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खास बातें

० उत्तर प्रदेश में कुल 81 प्रयोगशाला सक्रिय , 75 जिलेवार, 1 राज्य स्तरीय, 5 मोबाईल प्रयोगशालाएं.

० इनमें से कुछ विशेषज्ञ व अन्य स्टाफ की किल्लत है.

० तहसील स्तर 48 प्रयोगशाला समुचित स्टाफ व संसाधन न होने की वजह से निष्क्रिय.

० प्रदेश सरकार ने प्रयोगशालाओं के पते, उनके जीपीएस कोड, वहां उपलब्ध सुविधाएं, उनके पते, वहां कौन अधिकारी तैनात है आदि का ब्यौरा केन्द्र को भेजा गया.

० गंदे पानी के 8 मानक जैसी टीडीएस, क्लोरीन, पीएच, हार्डनेस आदि की जांच के लिए 50 रूपये प्रति सैम्पल शुल्क लेने का सुझाव.

० आर्सेनिक, आयरन, पारा, क्रोमियम, मैंगनीज, निकिल जैसी जहरीली धातु और बैक्टीरिया युक्त पेयजल की जांच के लिए 600 रूपये प्रति सैम्पल शुल्क लिए जाने का प्रस्ताव है.

 

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