IFFCO nano urea: श्रीलंका को मिली इफको नैनो यूरिया की पहली खेप
- इफको नैनो यूरिया की पहली खेप बुधवार को श्रीलंका एक्सपोर्ट की गई. यह सहकारी समितियों, उर्वरकों और इको फ्रेंडली कृषि के क्षेत्र में बड़ी वैश्विक भागीदारी का एक कदम माना जा रहा है.
लखनऊ. भारत में दुनिया के पहले नैनो यूरिया का निर्माण करने वाली इफको का नैनो नाइट्रोजन लिक्विड फर्टिलाइजर का पहला कंसाइनमेंट श्रीलंका को मिल गया है. इसे वैश्विक स्तर पर सहकारी समितियों, उर्वरकों और इको फ्रेंडली कृषि के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है. बीते मई में राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के रसायनिक उर्वरक के अयात को रोकने के फैसले के महीनों बाद नैनो नाइट्रोजन लिक्विड फर्टिलाइजर का एक्सपोर्ट हुआ है. क्योंकि श्रीलंका के कृषि प्रधान जिलों में राष्ट्रपति के फैसले का काफी विरोध जताया गया था.
गौरतलब है कि 31 मई को इफको ने अपनी 50वीं सालगिरह पर किसानों के लिए दुनिया का पहला लिक्विड नैनो यूरिया पेश किया था. जिसके बाद एक जून 2021 से इफको ने कालोल स्थित प्लांट पर नैनो यूरिया का उत्पादन शुरू किया. इसके बाद से कालोल यूनिट में हर रोज करीब डेढ़ लाख बोतर नैनो यूरिया लिक्विड का उत्पादन किया जा रहा है.
नैनो यूरिया का ड्रोन से छिड़काव, कमर्शियल उत्पादन शुरू करने वाला पहला देश बना भारत
बता दें कि भारत नैनो यूरिया का कमिर्शिलय उत्पादन करने वाला अभी तक पहला देश है. इस नाइट्रोजन लिक्विड फर्टिलाइजर की खास बात है कि 500 एमएल की एक बोतल में चालिस हजार पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो नॉर्मल यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व देता है. सबसे बड़ी बात है कि इसकी कीमत सिर्फ 240 रुपये के करीब है जो पारंपरिक यूरिका के सामने 10 फीसदी तक कम है.
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