कोरोना नियमों के साथ यूपी में सात महीनों बाद शुरू हुई मदरसों में पढ़ाई

Smart News Team, Last updated: Mon, 19th Oct 2020, 10:09 PM IST
  • 19 अक्तूबर को योगी सरकार के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में स्कूलों के साथ साथ मदरसों को भी खोल दिया गया है. इन मदरसों में आज पढ़ाई का पहला दिन था. मदरसों के खुलने से बच्चे जहां खुश थे वहीं स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल को भी पूरी सावधानी से लागू किया गया.
सात महीने बाद यूपी के मदरसों में शुरू हुई पढ़ाई, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा

लखनऊ. कोरोना काल के बीच योगी सरकार के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में स्कूलों के साथ-साथ मदरसे भी खोल दिए गए. लगभग सात महीनें बाद मदरसों में बच्चों की चहल-पहल देखने को मिली. स्कूलों की छात्रों की बात करें तो उनकी ऑनलाइन क्लासिज़ की वजह से उनकी पढ़ाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ रहा था लेकिन मदरसों के बच्चों की पढ़ाई लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह बंद हो गई थी. यही कारण है कि महीनों बाद मदरसे में पढ़ने आए छात्रों के चेहरे पर खुशी देखने वाली थी.

योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज वक्फ मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने पिछले हफ्ते ही मदरसों में सेकेन्ड्री, सीनियर सेकेंड्री कामिल एवं फाजिल की कक्षाओं की पढ़ाई कुछ शर्तों के साथ 19 अक्तूबर से शुरू करने का आदेश जारी किया था. इस आदेश के मुताबिक स्कूलों की तरह मदरसों को भी दो पालियों में खोला जाएगा. पहली पाली में सेकेण्ड्री व फाजिल के विद्यार्थियों तथा दूसरी पाली में सीनियर सेकेंडरी व कामिल के विद्यार्थियों को बुलाने को कहा गया है.

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स्कूलों को खोलते वक्त जो कोरोना प्रोटोकॉल लागू किया गया था मदरसे भी उसका पालन कर रहे हैं. वाराणसी के रेवड़ी तालाब स्थित मदरसा जामिया फारुकिया की बाद करें तो यहां प्रवेश द्वार पर ही बच्चों के लिए सेनिटाइज़र की व्यवस्था की गई है और साथ ही सभी छात्रों के मुंह पर मास्क भी देखने को मिल. इस मदरसे में पहले ही दिन क्लास से बाहर और भीतर दोनों जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया. फिलहाल इन मदरसों में एक वक्त में सिर्फ 50 प्रतिशत छात्रों को ही प्रवेश देने की अनुमति है. यानी बचे हुए 50 प्रतिशत बच्चों को अगले दिन बुलाया जाएगा. यही नहीं इन मदरसों को शुरू करने से पहले छात्रों के माता पिता या उनके अभिभावकों से लिखित में सहमति भी ली गई है.

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