सुपर मून की चमक पर बादलों का ग्रहण, निराश रह गए लखनऊ वाले
- इंदिरागांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक ने कि पूर्णिमा का यह चांद सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 7% बड़ा और 16 % अधिक चमकदार दिखना था. शाम 6:55 बजे चंद्रोदय के साथ ही मनोरम नजारा दिखना तो शुरू हो गया लेकिन कुछ ही देर में इसे बादलों ने चांद को घेर लिया.
लखनऊ: बुधवार शाम को लखनऊ में लोग सुपर मून देखने के इंतजार में थे लेकिन निराशा ही उनके हाथ लगी क्योंकि सुपर मून देखने वालों के इंतजार पर साइक्लोन यास ने पानी फेर दिया. यहीं ही नहीं इंदिरागांधी नक्षत्रशाला में भी खगोल प्रेमियों को निराश होना पड़ा. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत घंटाघर पर भी टेलीस्कोप लगाया गया था लेकिन वहां भी वास्तविक रूप देखने को नहीं मिला.
क्यों खास था बुधवार का सुपर मून
आखिर आज का सुपर मून इतना खास क्यों था यह बताया इंदिरागांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक ने कि पूर्णिमा का यह चांद सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 7% बड़ा और 16 % अधिक चमकदार दिखना था. शाम 6:55 बजे चंद्रोदय के साथ ही मनोरम नजारा दिखना तो शुरू हो गया लेकिन कुछ ही देर में इसे बादलों ने चांद को घेर लिया. इंदिरागांधी नक्षत्रशाला के अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि सुपरमून को ऑनलाइन दिखाने के लिए स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई थी. नक्षत्रशाला के साथ घंटाघर पर भी इंतजाम था.
CM योगी का फैसला, पोस्ट कोविड मरीजों का फ्री इलाज करवाएगी यूपी सरकार
लेकिन क्षितिज पर बादल होने की वजह से सुपर मून का अधिकांश हिस्सा नहीं दिखा. रात करीब 9.45 बजे के बाद चंद्रमा बदली से बाहर तो आया और सामान्य से ज्यादा चमकदार भी दिखा किंतु ज्यादा चमकदार देखने का मौका नहीं मिल पाया. पिछले छह सालों में सुपरमून और पूर्ण चंद्र ग्रहण एक साथ नहीं हुआ है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत और अमेरिका में नजर आया. चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो गया.
लखनऊ में ब्लैक फंगस का कहर जारी, 24 घंटों में 5 लोगों की मौत
अन्य खबरें
लखनऊ के प्रेमी जोड़े को मिला परिवार का प्यार, फिर क्यों प्रेमिका ने लगाई फांसी
लखनऊ में ब्लैक फंगस का कहर जारी, 24 घंटों में 5 लोगों की मौत
यूपी में जून से बनवा सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, इस तारीख से मिलेंगे स्लॉट
मेदांता समेत लखनऊ के दो अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश, जानें मामला