200 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, रेलवे बोर्ड ने RDSO को सौंपी योजना

Sumit Rajak, Last updated: Mon, 6th Dec 2021, 9:29 AM IST
  • रेलवे बोर्ड ने हाल ही में 160 KM प्रति घंटे की रफ्तार के बाद अब 200 KM प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का काम शुरू हो गया है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने आरडीएसओ को बुनियादी ढांचे का अध्ययन कर मार्च 2022 तक डीपीआर सौंपने के निर्देश दिए हैं. 200 किलोमीटर प्रति रफ्तार वाली ट्रेन को चलाने के पहले आरडीएसओ उत्तर पश्चिम रूट पर डेडीकेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनाएगा.
फाइल फोटो

लखनऊ. सरकार सड़क यातायात को नए एक्सप्रेसवे के जरिए नई गति देने के साथ ट्रेनों को भी नई रफ्तार देने जा रही है. इसके तहत अगले 3 साल में देश के अंदर ट्रेनें 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ेगी. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन RDSO   को बुनियादी ढांचे का अध्ययन कर मार्च 2022 तक डीपीआर सौंपने के निर्देश दिए हैं. 

रेलवे बोर्ड ने हाल ही में दिल्ली से आगरा रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए हरी झंडी दी है. इसके बाद अब ट्रेनों की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचाने के लिए बोर्ड ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए कई विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके तहत आरडीएसओ पटरियों का अध्ययन कर रिपोर्ट करेगी. रेलवे रूट का चुनाव रेलवे भूमि विकास निगम को करना होगा. डीपीआर मार्च 2022 तक रेलवे बोर्ड को सौंपी जानी है. द्वितीय चरण में परियोजना के लिए बजट का आवंटन होगा. कपूरथला रेल कोच के इंजीनियर 200 की रफ्तार वाली ट्रेनों के कोच डिजाइन करेंगे.

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 ढाई हजार किलोमीटर लंबा टेस्टिंग ट्रैक

200 किलोमीटर प्रति रफ्तार वाली ट्रेन को चलाने के पहले आरडीएसओ उत्तर पश्चिम रूट पर डेडीकेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनाएगा. यह ट्रैक दिल्ली से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान होते हुए अमदाबाद तक होगा. करीब ढाई हजार किलोमीटर ट्रैक पर रफ्तार जांच की जाएगी. 

आरडीएसओ के महानिदेशक संजीव भूटानी ने बताया कि 160 किलोमीटर के बाद अब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का काम शुरू हो गया है. इसके लिए डेडीकेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनाया जा रहा है. उन्होनें बताया कि 2022 तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी जाएगी.

इसके लिए आरडीएसओ 2 साल रेल लाइनों का अध्ययन कर परियों की मजबूती जांच करेगी. इसके बाद यात्री, डिब्बे, इलेक्ट्रिक इंजन, ट्रेक निर्माण की रिपोर्ट मुख्य रेल संचालक आयुक्त को देंगें.  90 रेल लाइनों में से किसी एक लाइनों की जांच कर बोर्ड को सौंपी जाएगी रिपोर्ट रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

 

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