मुंबई जाने वाली एक्स्प्रेस ट्रेन बनेगी सुपरफास्ट, अब 15- 75 रुपये तक ज्यादा देना होगा किराया.

Uttam Kumar, Last updated: Sat, 2nd Oct 2021, 10:47 AM IST
रेलवे ने लखनऊ जंक्शन और गाजीपुर से मुंबई जाने वाली एक्स्प्रेस ट्रेन को सुपरफास्ट बनाकर चलाने का फैसला किया है.नवंबर से बांद्रा टर्मिनल्स से लखनऊ जंक्शन जाने वाली ट्रेन नंबर 09021 और लखनऊ जंक्शन से बांद्रा जाने वाली ट्रेन नंबर 09022 को सुपरफास्ट बनाकर नए नंबर से चलाया जाएगा. यात्रियों को इसमें सफर करने के लिए क्लास अनुसार 15 से 75 रुपये तक पहले से अधिक किराया देना होगा.
लखनऊ से मुंबई जाने वाली एक्स्प्रेस ट्रेन नवंबर से सुपरफास्ट बनकर चलेगी. (प्रतिकात्मक फोटो)

लखनऊ. रेलवे मुंबई जाने यात्रियों को कम समय में यात्रा कराने की प्लान बना रहा है. इसके लिए रेलवे ने लखनऊ जंक्शन और गाजीपुर से मुंबई जाने वाली एक्स्प्रेस ट्रेन को सुपरफास्ट बनाकर चलाने का फैसला किया है. नवंबर से लखनऊ जंक्शन और गाजीपुर से मुंबई जाने वाली एक्स्प्रेस ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाकर चलाया जाएगा. यात्री अब पहले की तुलना में कम समय में अपने गंतव्य स्थान पहुंच जाएंगे. हालांकि रेलवे के इस फैसला का असर यात्रियों के जेब पर पड़ेगा. यात्रियों को पहले की तुलना में अब श्रेणी अनुसार 15 से 75 रुपये ज्यादा किराया देना होगा. 

रेलवे लखनऊ जंक्शन और गाजीपुर से बांद्रा जाने वाली स्पेशल ट्रेन का संचालन में बदलाव किया है. रेलवे के अनुसार नवंबर से बांद्रा टर्मिनल्स से लखनऊ जंक्शन जाने वाली ट्रेन नंबर 09021 को सुपरफास्ट बनाकर नए नंबर 20921 से चलाया जाएगा. वहीं लखनऊ जंक्शन से बांद्रा जाने वाली ट्रेन नंबर 09022 को सुपरफास्ट बनाकर नए ट्रेन नंबर 20922 से चलाया जाएगा. यात्रियों को इसमे सफर करने के लिए क्लास अनुसार 15 से 75 रुपये तक पहले से अधिक किराया देना होगा. 

PM मोदी के लखनऊ दौरे के मद्देनजर तैयारियां तेज, कई जोन में LDA का सफाई अभियान

रेलवे के एक्स्प्रेस ट्रेन को सुपरफास्ट बना कर चलाने से यात्रियों को अब सेकेंड सीटिंग क्लास में यात्रा करने के लिए 15 रुपये, स्लीपर क्लास में 30 रुपये, एसी सेकेंड और थर्ड क्लास का 45 रुपये और एसी फर्स्ट का 75 रुपये अधिक देना होगा. अभी यात्रियों को लखनऊ से बांद्रा के लिए सेकेंड सीटिंग क्लास का 395 रुपये, स्लीपर क्लास का 645 रुपये, एसी थर्ड का 1720 रुपये और एसी सेकंड का किराया 2495 रुपये  देना होता था. 

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें