KGMU में अब कोबाल्ट ब्रेकी थेरपी से होगा कैंसर का इलाज
- केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह ने बताया कि कोबाल्ट का काम लगभग पूरा हो गया है. अगले एक महीने में इसका संचालन शुरू हो जाएगा. इससे मरीजों का इलाज बिना रुकावट होगा और कैंसर सेल पर सटीक प्रहार किया जा सकेगा.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में स्थित केजीएमयू में कैंसर मरीजों का इलाज अब कोबाल्ट ब्रेकी थेरपी से होगा. इससे मरीजों का इलाज बिना रुकावट होगा और कैंसर सेल पर सटीक प्रहार किया जा सकेगा. वर्तमान में इरिडियम किरणों से थेरपी दी जाती है. इसमें किरणों का सोर्स तीन महीने में खत्म हो जाता है, जिसे बार-बार बदलना पड़ता है. वहीं, कोबाल्ट में किरणों का सोर्स चार से पांच साल तक चलेगा.
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह ने बताया कि कोबाल्ट का काम लगभग पूरा हो गया है. अगले एक महीने में इसका संचालन शुरू हो जाएगा. शनिवार को कैंसर जगरुकता दिवस के एक दिन पहले प्रवक्ता ने बताया कि नई सुविधा से कैंसर के मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी. केजीएमयू में हर महीने रेडियोथेरपी विभाग में पांच सौ से अधिक मरीजों को थेरपी दी जाती है. इसमे सौ से अधिक मरीजों का ब्रेकी थेरपी से इलाज किया जाता है. शेष मरीजों को लीनियर थेरपी दी जाती है. शासन से ब्रेकी थेरपी यूनिट के लिए दो करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत पहले ही जारी किया जा चुका है.
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आपको बता दें कि कैंसर सेल खत्म करने के लिए रेडिएशन दिया जाता है. नजदीक से रेडिएशन देने को ब्रेकी थेरपी कहा जाता है, वहीं दूर से रेडिएशन देने की विधि को लीनियर थेरपी कहते हैं.
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