जानें कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से कितना है खतरा, बरतें ये सावधानी

Anurag Gupta1, Last updated: Sun, 5th Dec 2021, 8:25 AM IST
  • नए वेरिएंट ओमीक्रोन से घबराने नहीं सावधानी बरतने की जरूरत है. ओमीक्रोन को लेकर अभी ज्यादा शोध नहीं इसलिए इसके स्वभाव के बारे में बता पाना मुश्किल. ओमीक्रोन के तेजी से फैलने के संकेत है लेकिन नुकसान की खबर अभी नहीं है.
(फाइल फोटो)

लखनऊ. कोरोना की तीसरी लहर के बीच ओमीक्रोन ने लोगों की चिंता बढ़ा दी. कोरोना के प्रकोप कम होने से वापस से स्कूल व कॉलेज खुलने लगे हैं. लेकिन इस नए वायरस ने अभिभावकों की चिंता की लकीर बढ़ा दी है. इसकी एक वजह ये भी है कि कोरोना बच्चों के लिए अभी कोरोना टीकाकरण नहीं शुरू हुआ है.

बता दें कोरोना की दूसरी लहर ने सबकी जिंदगी अस्त व्यस्त करके रख दी थी. दूसरी लहर से शायद ही कोई बच पाया था अब कोरोना के नए वेरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. पीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्या के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सभी को संजीदा रहने की जरूरत है. जरा सी चूक सेहत पर भारी पड़ सकती है. अभी ओमीक्रोन को लेकर ज्यादा शोध नहीं हुए हैं. इसलिए इसके स्वभाव को लेकर बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है. बता दें कोरोना की चपेट में अब तक नौ साल तक के 6,156 बच्चे आए हैं. जबकि 10 से 19 साल के 1 3,433 बच्चे संक्रमित हुए.

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अभी तक किसी को खास नुकसान की खबर नहीं:

डॉ. पियाली बताया कि दक्षिण अफ्रीका समेत दूसरे देशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चे तेजी से नए वेरिएंट की चपेट में आ रहे हैं. लेकिन राहत की बात ये है कि बीमारी ने अभी तक किसी को खास नुकसान नहीं पहुंचाया है. इसलिए अभी किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. बस पहले की तरह थोडी सावधानी बरतनी होगी. बताया कि छोटे बच्चे लगातार सर्दी-जुकाम और बुखार का सामना करते हैं. मौसम बदलने पर बीमारी की चपेट में भी आ जाते हैं. इसलिए उनका शरीर इस तरह के संक्रमण से मुकाबला करने में अधिक सक्षम होता है. ओमीक्रोन के तेजी से फैलने के संकेत है लेकिन नुकसान की खबर अभी नहीं है.

बच्चों के अंदर बड़ों से अधिक ताकत:

केजीएमयू बाल रोग विभाग के डॉ. निशांत बताते हैं कि बच्चों को समय-समय पर वैक्सीन लगती है बार-बार सर्दी-जुकाम होने से बच्चों में रोगों से लड़ने की ताकत बड़ों के मुकाबले अधिक होती है भारत में लोगों का खानपान भी अलग है. बस सावधानी बरतने से इससे बचा जा सकता है. सर्दी जुकाम होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें और बच्चे को आइसोलेट कर दें.

ये सावधानियां बरतें:

बच्चों को मास्क पहनने के लिए कहें.

सर्दी-जुकाम होने पर स्कूल न भेजें.

भीड़भाड़ वाली जगहों पर बच्चों को ले जाने से बचें.

बच्चों का समय पर सामान्य टीके लगवाएं.

माता-पिता कोरोना से बचाव की वैक्सीन जरूर लगवाएं.

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