एक दूसरे की पहचान थे लखनऊ और पंडित बिरजू महाराज: कुमकुम धर

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 17th Jan 2022, 11:41 AM IST
  • कथक नृत्य को लेकर दुनियाभर में मशहूर पंडित बिरजू महाराज का सोमवार सुबह उनके दिल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया. वे 83 साल के थे. परिवार के अनुसार हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई. पंडित बिरजू महाराज की वरिष्ठ शिष्या और प्रख्यात कथक कलाकार डॉ. कुमकुम धर निधन की खबर से दुखी हो गई. वह कहती हैं मैं अनाथ हो गई.
पंडित बिरजू महाराज की वरिष्ठ शिष्या और प्रख्यात कथक कलाकार डॉ. कुमकुम धर

कथक महागुरु पंडित बिरजू महाराज जी का सोमवार सुबह उनके दिल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया. रविवार रात बिरजू महाराज खाने के बाद परिवार संग अंताक्षरी खेल रहे थे. इस दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह अचेत होकर गिर पड़े. इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वे 83 साल के थे. बिरजू महाराज जी के निधन पर जानी मानी बड़ी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया. 

पंडित बिरजू महाराज का ताल्लुक नृतकों के महाराज परिवार से रहा है. वह लखनऊ के कालका बिंदादीन घराने से थे. पंडित बिरजू महाराज और लखनऊ एक दूसरे की पहचान थे. लखनऊ की बात में कथक शामिल न हो, ऐसा हो नहीं सकता और कथक का जिक्र पंडित बिरजू महाराज के बिना अधूरा है. यही नाता था लखनऊ और पंडित बिरजू महाराज का. उनके निधन के बाद जैसे घुंघरुओं की झंकार खामोश हो गई. कालिका बिंदादीन की ड्योढ़ी पर मातम छा गया और शहर में रहने वाले उनके तमाम शिष्य भी खुद को अनाथ महसूस करने लगे.

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पंडित बिरजू महाराज की वरिष्ठ शिष्या और प्रख्यात कथक कलाकार डॉ. कुमकुम धर उनके निधन की खबर से दुखी हो गई. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि अब सच में अनाथ हो गई. कथक विधा का जो शीर्ष था, जिस पर पिछले कई दशकों से पंडित बिरजू महाराज जी विराजमान थे अब वह खाली हो गया और कोई ऐसा है भी ऐसा नहीं जो इस जगह को भर सके. 

कुमकम धर आगे कहती हैं- उन्होंने ना केवल कथक को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई बल्कि उसमें तमाम ऐसे प्रयोग भी किए जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. कौन सोच पाएगा कि मैदान पर खेले जाने वाले खेल क्रिकेट को कथक के भावों में मंच पर पेश किया जा सकता है, या खो खो खेल को संगीत संरचनाओं के साथ कथक में प्रस्तुत किया जा सकता है. लेकिन बिरजू महाराज जी ने यह करके दिखाया. गुरुजी केवल कलाकार नहीं थे बल्कि बेहतरीन लेखक संगीतकार गायक भी थे.

पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और कला क्षेत्र से जुड़े फिल्मकार मधुर भंडारकर, गायक अदनान सामी जैसे कई लोगों ने ट्विटर के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त की है.

कथक महागुरु पंडित बिरजू महाराज का निधन, आखिरी वक्त पर अंताक्षरी खेल रहे थे

 

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