अफसरों के हाथ-पैर जोड़कर भी नहीं बिका धान, गुस्साए किसान ने फसल में लगा दी आग

Atul Gupta, Last updated: Fri, 22nd Oct 2021, 4:59 PM IST
  • सरकारी तंत्र से मजबूर होकर किसान ने अपनी गाढ़ी फसल में आग लगा दी. मामला यूपी के लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी मंडी का है जहां किसान 14 दिनों से अपने फसल को बेचने के लिए अफसरों के हाथ-पैर जोड़ता रहा, फिर भी उसकी फसल नहीं बिकी. अंत में किसान ने मंडी में ही अपनी फसल पर पेट्रोल छिड़कर धान में आग लगा दी.
मंडी में किसान ने अपनी ही फसल में लगा दी आग

लखनऊ: किसान अपना खून-पसीना बहाकर अनाज बोता है, खाद-पानी देकर उसे बड़ा करता है. फिर जब फसल बड़ी होती है तो उसे काटकर इस उम्मीद से उसे मंडी में ले जाता है कि उसे चार पैसे मिलेंगे. लेकिन जब अंदर तक खोखले हो चुके सिस्टम से उसका पाला पड़ता है तो वो टूट जाता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी मंडी में जहां पांच दिन से फसल बेचने की कोशिश कर रहे किसान ने परेशान होकर मंडी में ही अपनी गाढ़ी फसल को आग के हवाले कर दिया.

किसान का आरोप है कि पांच दिन से वो लगातार केंद्र प्रभारियों की खुशामद कर रहा है ताकि उसका धान बिक जाए लेकिन लाख मान-मुनव्वल के बावजूद उसकी फसल जस की तस पड़ी है. आखिरकार किसान के सब्र का बांध टूट गया और उसने अधिकारियों के सामने ही अपनी फसल पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया. धान में आग लगी देख अफसरों के हाथ पांव फूलने लगे और बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया जा सका.

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घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कांग्रेस ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि क्या यही अच्छे दिन हैं? कांग्रेस ने आगे लिखा कि सरकार किसानों की आय दुगुना करने आई थी, परिणाम यह है कि किसानों की आय को ही खत्म कर दिया. सवाल ये कि आखिर किसानों का क्या दोष है? क्यों किसान अपनी फसल को जलाने पर मजबूर है? किसानों के हालात सुधारने का जो वादा सरकार ने किया था, उसका क्या हुआ? किस आधार पर सरकार ने किसानों से वादा किया था कि 2022 तक उनकी आय दोगुनी हो जाएगी? अलबत्ता सच्चाई ये है कि किसान एक तरफ अपने हक का पैसा पाने के लिए भी दर-दर भटक रहा है वहीं दूसरी तरफ एक साल से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर है.

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