लखीमपुर खीरी हिंसा पर बोले मंत्री अजय मिश्रा- घटनास्थल पर नहीं था मेरा बेटा होता तो नहीं बचता जिंदा
- लखीमपुर खीरी मामले में विवादों में घिरे केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी. अजय मिश्रा ने कहा कि मेरा बेटा घटना स्थल पर नहीं था, यदि वो घटनास्थल पर मौजूद होता तो जिंदा नहीं बच पाता. मिश्रा ने इस घटना के लिए किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत को ठहराया.

लखनऊ. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना के मामले में प्रदेश समेत पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस मामले में सभी विपक्ष दल और किसान संगठन घटना के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं, अब इस मामले में अजय मिश्रा ने सफाई देते हुए प्रेसवार्ता की. अजय मिश्रा ने कहा कि मैं और मेरा बेटा घटना के वक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
सबसे पहले टिकैत पर हो एफआईआर
अजय मिश्रा ने कहा कि राकेश टिकैत लगातार देश में अस्थिता फैलाने का काम कर रहे हैं. उनका प्रयास लगातार जारी है. सबसे पहले उन्हीं पर एफआईआर होनी चाहिए. इस मामले के जिम्मेदार राकेश टिकैत हैं. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए, ताकि सच सबके सामने आ जाए.
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घटना में मारे गए हमारे कार्यकर्ता को मिले 50 लाख मुआवजा
मिश्रा ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता जो इस घटना में मारे गए है उनके परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा मिले. घटना की कोई भी जांच हो सीबीआई, एसआईटी या रिटायर्ड जज की निगरानी. सबूत सबके सामने आएर और दोषियों पर कार्रवाई हो.
मेरे बेटे पर आरोप लगाने का किया जा रहा प्रयास
मिश्रा ने कहा कि जिस तरह गाड़ी से खींच-खींचकर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की योजना रही हो. प्रदर्शन के दौरान भीड़ में बहराइच, पीलीभीत और अन्य जिलों के लोग शामिल होने की बात सामने आई है. जिससे लग रहा है कि कोई साजिश रची गई थी और उसके जरिए मेरे बेटे पर आरोप लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के गांव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी पहुंचे थे. इस दौरान आंदोलनकारी किसानों ने डिप्टी सीएम और मंत्री के काफिले को काला झंडा दिखाकर विरोध किया. जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हिंसा भड़क गई. जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई. इस मामले में किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने कार से किसान को रौंद दिया.
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