Lakhimpur Kheri Violence: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा अभी तक इस मामले में हुईं कितनी गिरफ्तारी?

Shubham Bajpai, Last updated: Thu, 7th Oct 2021, 3:38 PM IST
  • लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि इस मामले में अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं और कितने आरोपी हैं. इन सभी बातों को लेकर कोर्ट ने यूपी सरकार से शुक्रवार को सुनवाई के दौरान रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा अभी तक इस मामले में हुईं कितनी गिरफ्तारी?

लखनऊ. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए गुरुवार को मामले में सुनवाई की. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार से इस मामले में अभी तक गिरफ्तारी और मामले में आरोपी की जानकारी मांगी. साथ ही शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है. वहीं, यूपी सरकार का पक्ष रख रही एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि इस मामले को लेकर सरकार ने एक विशेष दल और एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है.

कोर्ट ने कहा कि आरोप हैं कि आप ठीक से नहीं कर रहे जांच

कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के दौरान वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कई किसान मारे गए हैं. और प्रशासन की लापरवाही की वजह से ये हुआ है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार पर आरोप है कि आप मामले की जांच सही से नहीं कर रहे हैं. इस पर गरिमा प्रसाद ने यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस मामले को लेकर सरकार ने एक विशेष दल और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है.

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कल मामले की सुनवाई में सारे जवाब देने की कोशिश करेंगे

यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए गरिमा प्रसाद ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. कल इस मामले की सुनवाई रखी जाए, हम सारे जवाब देने का प्रयास करेंगे. वहीं, सीजेआई ने कहा कि कल इस मामले में राज्य सरकार की ओर से निर्देश लेकर आएं और हाईकोर्ट में कितनी याचिका दाखिल हुई हैं उनकी स्टेटस रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करें.

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बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा की चिट्ठी को जनहित याचिका मानकर दर्ज किया गया है. इस केस का शीर्षक लखीमपुर खीरी में हिंसा के चलते जान का नुकसान है. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने दोनों वकीलों को पेश होने को कहा है.

दरअसल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. जिसमें 4 किसानों और 4 अन्य लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने कार से किसानों को रौंदा था. जिसमें पूरे प्रदेश समेत देश में विवाद शुरू हो गया. जिसके बाद हिंसा को लेकर मंत्री के बेटे पर केस दर्ज कराया गया.

 

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