लखनऊ: 507 NRI ने यूपी में उद्योग लगाने की जताई इच्छा
- प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा एनआरआई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि एनआरआई यूपी में निवेश करने के इच्छुक हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लांच की गई वेबसाइट पर एनआरआई को 507 कार्ड जारी किए जा चुके हैं.
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लांच किया गया वेबसाइट इस समय काफी चर्चा में है. मुख्यमंत्री द्वारा लांच की गई वेबसाइट के एनआरआई सेक्शन पर 507 लोगों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किए जाने की इच्छा जताई है.
मुख्यमंत्री के लांच किए गए वेबसाइट पर ही प्रवासी भारतीयों ने रुचि दिखाते हुए प्रदेश में निवेश किए जाने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही उन्होंने निवेश से जुड़े आशंकाओं को लेकर कई सवाल भी किए. इन सवालों का जवाब देते हुए उनकी आशंकाओं को दूर करते हुए समाधान किया गया.जिसके बाद 507 एनआरआई को कार्ड भी जारी किए गए हैं. यह जानकारी प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा एनआरआई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दी है.गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय सहित फूड प्रोसेसिंग यूनिट व मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना.
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उन्होंने बताया कि ओमान में एनआरआई शिशिर सिंह द्वारा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के संबंध में इच्छा व्यक्त की गई है. साउथ अफ्रीका में एनआरआई आशीष शर्मा ने गोरखपुर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय स्थापित करने की इच्छा प्रकट की और इस संबंध में जरूरी जानकारियां चाहीं.इनके अलावा कनाडा में एनआरआई प्रशांत पाठक ने अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट रेगराटा को चीन से उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया.
जिसमें 100 मिलियन फूड स्टोरेज की भी सुविधा भी उपलब्ध होगी. नोडल अधिकारी द्वारा तत्काल इन सभी उद्यमियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया और आवश्यक जानकारियां भी उपलब्ध करा दी गई हैं.एनआरआई मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार के चयन की कार्यवाही तेजी से चल रही है. पुरस्कार के चयन के लिए 8 महानुभावों के प्रमाण-पत्र परीक्षण की प्रक्रिया के अधीन हैं. इसके अलावा पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश प्रवासी भारतीय के मृत शरीर के पारगमन के लिए उचित कार्यवाही भी की जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि पोर्टल पर कुल नौ शिकायती पत्र भी प्राप्त हुए, जिनको संबंधित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एंव जिलाधिकारियों को भेजा गया है.अगर यह सभी कंपनियां प्रदेश में स्थापित होती हैं तो निश्चित तौर पर प्रदेश में शिक्षा के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा. एक तरफ अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने से जहां शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा तो वही अन्य कंपनियों के खोले जाने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.प्रदेश सरकार द्वारा एन आर आई उद्यमियों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
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