लखनऊ में 48 कोरोना मरीजों की मौत पर प्रशासन सख्त,चार बड़े अस्पतालों को नोटिस

Smart News Team, Last updated: Tue, 22nd Sep 2020, 9:23 PM IST
जिला प्रशासन ने लखनऊ के चार बड़े अस्पतालों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. 48 करोना मरीजों की मौत के मामले में इन अस्पतालों की लापरवाही प्रतीत हुई है इसलिए इन्हें नोटिस भेजा गया है.
जिला प्रशासन ने लखनऊ के अपोलो अस्पताल सहित 4 बड़े अस्पतालों को नोटिस भेजा है.

लखनऊ. जिले में 48 कोरोना रोगियों की मौत के मामले में जिला प्रशासन सख्त हो गया है. डीएम ने शहर के चार बड़े अस्पतालों पर कार्रवाई करते हुए इन्हें नोटिस भेजा है. इसके साथ ही प्रशासन ने इनसे जवाब भी मांगा है. इन अस्पतालों को बुधवार सुबह 10 बजे तक एसडीएम ट्रांस गोमती और सीएमओ को जवाब देना होगा.

जानकारी के अनुसार डीएम अभिषेक प्रकाश ने जिले के अपोलो अस्पताल, मेयो अस्पताल,चरक अस्पताल और चंदन अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि पहली नजर में अस्पताल की लापरवाही सामने आ रही है. आपको बता दें कि अपोलो हॉस्पिटल में गैर कोरोना अस्पताल से इलाज़ के लिए 17 मरीज भेजे गए थे. इसके अलावा मेयो में 10, चरक में 10 और चंदन हॉस्पिटल में 11 मरीज से भेजे गए थे. जहां सभी की मौत हो गई.

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डीएम के अनुसार इन सभी मौतों में अस्पताल की लापरवाही प्रतीत हो रही है. मरीजों की मौत के कारण जैसे- अस्पतालों का कोरोना टेस्ट देरी से कराना, टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद भी मरीज को उपचार के लिए सही समय पर कोरोना अस्पताल नहीं भेजना सामने आए हैं. इसके अलावा हॉस्पिटल में कोरोना दिशा निर्देशों के मुताबिक ट्राइड यानी होल्डिंग एरिया का ना होना और मानकों के अनुरूप कार्य का नहीं होना के कारण भी शामिल है. साथ ही मरीजों के सामान्य वार्ड से कोरोना वार्ड में स्थानांतरित करने की भी देरी का पता चला है.

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मंगलवार को डीएम अभिषेक प्रकाश और कमिश्नर रंजन कुमार ने मेयो अस्पताल का निरीक्षण भी किया. इस अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने कुछ दिनों पहले हंगामा भी किया था. परिजनों का कहना था कि अस्पताल में 3 दिन में तीन लाख का बिल बनाया है और इसके बावजूद सही इलाज ना मिलने से मरीज की मौत भी हो गई है. जबकि सरकार ने गंभीर लेवल-3 मरीज के इलाज के अधिकतम राशि 18 हज़ार रुपये प्रतिदिन के लिए तय की हुई है. इसके बाद इस मामले में डीएम ने एसीएम पंचम सत्यम मिश्रा को भेजा था. प्रशासन द्वारा इस मामले की भी जांच की जा रही है.

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