लखनऊ: फर्म का MD बनकर SBI से हड़पे 23 लाख, महिला समेत 4 पर केस दर्ज

Smart News Team, Last updated: Sat, 24th Jul 2021, 9:57 AM IST
  • लखनऊ में ऑटोमूवर्स फर्म का फर्जी एमडी बनकर एसबीआई बैंक से 23 लाख हड़पने का मामला सामने आया है. दरअसल जालसाजों ने निवान बालाजी ऑटोमूवर्स का फर्जी लेटरहेड और एमडी के फर्जी हस्ताक्षर कर एसबीआई इस्माइलंगज शाखा से 23 लाख रुपए हड़प लिए. पूरे मामले में महिला समेत 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
ऑटोमूवर्स फर्म के एमडी का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जालसाजों ने बैंक से 23 लाख रुपए हड़प लिए हैं

उत्तर प्रदेश के लखनऊ से जालसाजी का एक बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल हुआ ये है कि निवान बालाजी ऑटोमूवर्स के फर्जी लेटरहैड और एमडी के हस्ताक्षर कर जालसाजों ने एसबीआई की इस्माइलगंज शाखा से 23 लाख रुपए हड़प लिए. कमिशनर की शिकायत के बाद मामले में एक महिला समेत चार खाताधारकों के खिलाफ गाजीपुर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है.

पुलिस ने बताया कि एसबीआई इस्माइलगंज शाखा में स्वाति अग्रवाल मुख्य प्रबंधक हैं. एसबीआई की इस्माइलगंज शाखा में ही लखनऊ के विजयंत खंड स्थिति निवान बालाजी ऑटोमूवर्स का चालू खाता है. मैनेजर के मुताबिक 5 जुला को पूर्व मैनेजर दीपक सिंह का उनके पास फोन आया. उन्होंने बालाजी ऑटोमूवर्स को पुराना कस्टमर बताते हुए बैंक संबंधी काम में मदद की गुजारिश की. 

कुछ देर बाद ही स्वाति बैंक मैनेजर स्वाति के पास एक फोन आया. ट्रू कॉलर में नंबर नवनीत पाण्डेय डायरेक्टर मोटर्स शो लिखकर आ रहा था. बातचीत के दौरान फोन करने वाले शख्स ने खुद को निवान बालाजी का एमडी बताया और इंटरनेट बैंकिंग में तीन लोगों के नाम जोड़ने को कहा.

इसके बाद एसबीआई इस्माइलगंज शाखा की मैनेजर स्वाति ने फोन करने वाले शख्स से कहा कि वह खुद इंटरनेट बैंकिंग में लाभार्थियों के नाम जोड़ सकते हैं. इस पर नवनीत नाम के शख्स ने खुद के अस्पताल में होने और कई कर्मचारियों की तबीयत खराब होने का हवाला देकर बैंक आने में लाचारी जताई. बातचीत के दौरान ही आरोपी ने मैनेजर स्वाति अग्रवाल को मोबाइल फर्म के नाम से दो लेटरहेड भी भेजे, जिसमें नवनीत पाण्डेय के दस्तखत के साथ मुहर भी लगी थी.

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आरोपी की तरफ से भेजे गए लेटरहेड की जांच करने के बाद नवनीत पाण्डेय के कहे अनुसार दीपक अग्रवाल के खाते में 5 लाख 70 हजार, विकेश शर्मा के खाते में 8 लाख 93 हजार, सुमित खाते में 6 लाख 26 हजार, गीता देवी के खाते में 4 लाख 80 हजार और साढ़े सात लाख आरटीजीएस के जरिए भेज दिए गए. 

बैंक मैनेजर स्वाति अग्रवाल के मुताबिक खातों में आरटीजीएस किए जाने के थोड़ी देर बाद निवान बालाजी का कर्मचारी अतुल ब्रांच में आया. उसने एक आरटीजीएस के लिए कहा. बैंक मैनेजर स्वाति ने उसे व्हाट्सएप पर आए कागज दिखाए और आरटीजीएस के लिए आए फोन के बारे में बताए.

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इसके बाद निवान बालाजी के कर्मचारी अतुल ने फर्म के एमडी से बात कराने को कहा तो बैंक मैनेजर स्वाति अग्रवाल ने कुछ देर पहले आई कॉल पर फोन किया तो वह स्विच ऑफ मिला. बैंक मैनेजर को ठगी का शक हुआ और उसने तुरंत 10 लाख का पेमेंट रुकवा दिया. लेकिन ठग बाकी बची 23 लाख की रकम स्टॉप पेमेंट के जरिए दूसरे खाते में पहले ही भेज चुके थे.

 

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