लखनऊ विकास प्राधिकरण की सबसे बड़ी नीलामी, दीवाली पर बेचेगा 1850 वाणिज्यिक संपत्तियां
- लखनऊ विकास प्राधिकरण वाणिज्यिक संपत्ती बेचकर अपना खजाना भरेगा जिस पैसे का इस्तेमाल अपने आगामी प्रोजेक्ट में करेगा. इसमें उसने खाली पड़े भूखंडों को और जो लोग आवंटन के बाद पैसा नहीं दें पाए है उन्हें शामिल किया है. आदेश जारी हो गए है नीलामी जल्द शुरू होगी .
लखनऊ: विकास प्राधिकरण अक्सर खाली व निरस्त हुए आवंटन संपत्तियां को नीलाम कर देता है. लेकिन इस दीवाली में लखनऊ विकास प्रधिकरण (लविप्रा) ने सबसे बड़ी नीलामी की तैयारी की है. माना जा रहा है अब तक की हुई नीलामी में से बड़ी नीलामी होगी है जो सितंबर महीने में की जाएगी. लविप्रा इस नीलामी में अपनी 1850 वाणिज्यिक संपत्तियों को नीलाम करेगा. नवनियुक्त लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने सभी कवायद पूरी कर आदेश जारी कर दिया है.
आदेश में साफ तौर पर लिखा है अधिकारी अपनी कार्य योजनाओं की एक भी संपत्ति न छोड़े नीलामी में सभी संपत्ति ब्यौरा दें जिससे उसे नीलाम किया जा सकें. नीलामी का मकसद खजाना भरना है. नीलामी से आए पैसों को आगामी प्रोजेक्ट में लगाया जाएगा. लविप्रा अपने टाउनशिप को भी गति देने की तैयारी में है. साथ ही सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन कारिडोर को गति दी जा सके. जिसके चलते विभाग ने वाणिज्यिक संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है.
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लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि वाणिज्यिक संपत्तियां न बिकने के कई अलग-अलग कारण है. जैसे छोटी दुकाने हैं, जो कि नीलामी में शामिल नहीं हुई हैं. इस तरह पुराने लखनऊ सहित कई योजनाओं में आवंटन अलग अलग कारणों से निरस्त हुए हैं. इन संपत्तियों को बेचने का मूल्य फिर से तय किया जाएगा और प्यान बनाकर इसे नीलाम किया जाएगा. साथ ही कहा कि अगर कोई संपत्ति इस नीलामी में बिना सामने लाए रोकी जाती है तो संबंधित अधिकारी व बाबू सीधे जिम्मेदार होंगे.
मालूम हो इसके पहले अपने खास लोगों को वाणिज्यिक संपत्तियां देने की आदत बन गई थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन नीलामी से पारदर्शिता आई है. अब इसका फायदा उठाते हुए लविप्रा अपनी गोमती नगर, सीजी सिटी, गोमती नगर विस्तार, अलीगंज, पुराने लखनऊ, कानपुर रोड, मानसरोवर योजना, बसंत कुंज योजना, शारदा नगर योजना, ट्रांसपोर्ट नगर योजना सहित अन्य योजनाओं में खाली पड़ी संपत्तियों को नीलाम करने जा रहा है.
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लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी मुताबिक जो भी संपत्ति किसी कारण से नहीं बिक पाई है या फर्जी पाए गए है उन्हें भी नीलामी की श्रेणी में शामिल किया है. ट्रांसपोर्ट नगर, गोमती नगर में कुछ भूखंड अभी जांच में गलत आवंटन पाया गया है. वहीं अब तक ओटीएस का लाभ न उठाने वाले और संपत्ति आंवटित हो जाने के बाद जिन्होंने पैसा नही दिया है उनके मकान व भूखंड भी नीलामी में शामिल किए जायेंगे.
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