लखनऊ : शर्मा गुट के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत की हैट्रिक लगाकर रचा इतिहास
- गोरखपुर - फैजाबाद निर्वाचन मंडल से लगातार तीसरी बार जीतने वाले पहले प्रत्याशी बने ध्रुव कुमार त्रिपाठी .ध्रुव कुमार त्रिपाठी इस सीट पर लगातार तीन बार जीतने वाले वह पहले प्रत्याशी बने हैं. उन्होंने अपने निकतटम प्रतिद्वंद्वी वित्त विहीन शिक्षक महासंघ के प्रत्याशी अजय सिंह को 1008 वोटों से हराया है.

लखनऊ: गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रत्याशी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत हासिल की है. ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत की हैट्रिक लगाई है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अजय कुमार सिंह को 1008 मतों से हराकर इतिहास रच दिया.
इससे पहले किसी भी प्रत्याशी ने लगातार इस निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार जीत नहीं दर्ज की है. इस सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले वह पहले प्रत्याशी बन चुके हैं.लगातार तीन बार उन्होंने जीत का डंका बजाया है. बृहस्पतिवार शुक्रवार की भोर तक चली मतगणना में उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी को भारी मतों के अंतर से परास्त किया हैं.
मूल रूप से सिद्धार्थ नगर के उसका बाजार के रहने वाले ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने अपनी लोकप्रियता तीसरी बार साबित की है. इस बार मैदान में विपक्षियों के साथ केंद्रीय राजनीतिक दल के समर्थित प्रत्याशी भी मैदान में अपना जोर आजमा रहे थे. बावजूद इसके उन्होंने राजनीतिक दलों को मात देते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की है.ध्रुव कुमार त्रिपाठी इस सीट पर लगातार तीन बार जीतने वाले वह पहले प्रत्याशी बने हैं. उन्होंने अपने निकतटम प्रतिद्वंद्वी वित्त विहीन शिक्षक महासंघ के प्रत्याशी अजय सिंह को 1008 वोटों से हराया है. इससे पहले 2008 और 2014 में चुनाव जीतकर वह विधान परिषद पहुंचे थे.आपको बता दें कि पहली वरीयता से ही आगे चल रहे ध्रुव कुमार की जीत का फैसला दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद हुआ.
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1277 वोट हुए रद्द,
शिक्षक एमएलसी का चुनाव एक दिसंबर को हुआ था. पांच मंडलों के 17 जिलों में 198 केंद्रों पर मतदान कराया गया. रिटर्निंग ऑफिसर व कमिश्नर जयंत नार्लिकर के मुताबिक चुनाव में 28 हजार 802 वोट पड़े थे. इसमें से 1277 वोट अवैध पाए गए हैं. वैध 27 हजार 625 मतों की गणना हुई है.
शिक्षकों ने संभलकर नहीं डाले वोट, लगभग 5 फीसदी मत अवैध
छात्रों को शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक ही मतदान करने में लापरवाह दिखे. लगभग 5 फ़ीसदी शिक्षकों ने अपने मत का सही उपयोग नहीं किया.28802 वोटों में 1277 वोट अवैध पाए गए. इस हिसाब से लगभग 5 फीसदी शिक्षकों ने अपने मत अवैध डाले हैं. शिक्षक एमएलसी की मतगणना से पता चला कि शिक्षकों ने संभलकर मतदान नहीं किया है.
चुनाव आयोग ने वैध वोटिंग को लेकर तमाम जागरूकता अभियान चलाया. बावजूद इसके शिक्षकों ने लापरवाही दिखाते हुए अपने मत का सही उपयोग नहीं कर पाया. प्रत्याशी व उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की.सबको बताया गया कि सिर्फ प्रत्याशी के नाम के आगे रिटर्निंग ऑफिसर के स्केच पेन से एक, दो या फिर तीन लिखना है लेकिन ऐसा नहीं हो सका.1277 शिक्षक ऐसे रहे, जिन्होंने एक लिखने से पहले जीरो लगा दिया था. वरीयता लिखने के साथ बैलेट पेपर पर सही का निशान लगा दिया था. गोला बनाकर छोड़ दिया था. नतीजा रहा कि इतने शिक्षकों के मतों को रद्द कर दिया गया.
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