STF पर लगा 50 पेटी शराब और ट्रक क्लीनर की मौत का आरोप,जिला जज ने की सख्त टिप्पणी

Smart News Team, Last updated: Thu, 17th Dec 2020, 11:53 PM IST
  • जिला अदालत ने लखनऊ पुलिस की कार्यशाली पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर यह सच है तो जंगल राज चल रहा है. दरअसल एसटीएफ पर 50 पेटी शराब लूटने और पिटाई से ट्रक क्लीनर की मौत का आरोप लगा है.
जिला अदालत ने लखनऊ पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की है

राजधानी पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा है कि यहां जंगल राज चल रहा है. जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यक्ता है. जिला जज दिनेश कुमार शर्मा, तृतीय ने एक जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए यह टिप्पणी की है. जिला जज के समक्ष एक जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियुक्तों की ओर से यह संज्ञान में लाया गया कि 12 नवंबर, 2020 को एसटीएफ ने दो ट्रकों से 50 पेटी शराब लूट लिया.लेकिन जब एक ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर ने इसका विरोध किया, तो दोनों की बेतहाशा पिटाई की गई. जिससे क्लीनर की मौत हो गई.

इसके बाद एसएटीएफ ने क्लीनर के शव को ड्राइवर के हाथ उसके घर भिजवा दिया. साथ ही 2350 पेटी अवैध शराब की बरामदगी दिखाते हुए दूसरे ट्रक के ड्राइवर नरेंद्र सिंह और क्लीनर गोविंद कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. यह मुकदमा एसटीएफ के सब-इंसेपक्टर करुणेश कुमार पांडेय ने थाना सरोजनीनगर में दर्ज कराया था.

इनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मेसर्स काला अम्ब डिस्टलरी के निदेशक सुनील कुमार ने अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया. बताया कि बरामद की गई शराब का उत्पादन हिमाचल प्रदेश के सलोन स्थित उनकी डिस्टलरी में किया गया था. इसे सभी वैध दस्तावेजों के साथ अरुणांचल प्रदेश भेजा जा रहा था. बचाव पक्ष की ओर से विभिन्न सरकारी व कम्पनी द्वारा निर्गत दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए. जिला जज ने उक्त दस्तावेजों के संबध में थाना सरोजनीनगर से रिपोर्ट तलब किया. 10 दिसंबर, 2020 को रिपोर्ट दाखिल करते हुए पुलिस ने माना कि बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए दस्तावेज सही हैं. 

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जिला जज ने मंजूर की जमानत व दिए जांच के आदेश 

जिला जज ने इस पर दोनों की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया. साथ ही टिप्पणी किया कि हम यह कहने के लिए विवश हैं कि यदि बचाव पक्ष द्वारा कही गई बातों में जरा भी सच्चाई है, तो यह जंगल राज है. जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है. उन्होंने इस टिप्पणी के साथ ही अपने आदेश की प्रति सूबे के मुख्य सचिव, प्रमख सचिव गृह व पुलिस आयुक्त को भी भेजने का निर्देश दिया. कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाए व जांच के परिणामों से इस अदालत को भी अवगत कराया जाए.

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