लखनऊ प्रसाशन को 68 साल बाद दिखा अंसारी का अवैध निर्माण, ये हुई धांधली…

Smart News Team, Last updated: Thu, 27th Aug 2020, 11:58 AM IST
  • लखनऊ में मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण को गिराने के बाद प्रसाशन में निष्क्रांत संपत्ति के दस्तावेजों में हेराफेरी का मामला सामने आया है. 68 सालों बाद शासन ने जानकारी मांगी तो प्रसाशन ने निर्माण अवैध नजर आए.
लखनऊ में एलडीए ने गुरुवार की सुबह मुख्तार अंसारी का अवैध निर्माण गिराया.

लखनऊ. यूपी की राजधानी के डालीबाग इलाके में मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण पर प्रशासन की नजर नहीं थी. शासन ने 68 साल बाद शासन ने पूछा तो प्रसाशन को होश आया. 1952 में इस जमीन को निष्क्रांत घोषित कर दिया गया था. वहीं भू-माफिया ने कागजों में हेराफेरी करके इस जमीन को निष्कांत ब्योरा से हटा दिया था.

यूपी सरकार इन दिनों भू-माफिया पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है. शासन ने इतने वर्षों बाद इन निर्माणों के बारे में जानकारी मांगी तो प्रसाशन को यह अवैध नजर आए.

प्रसाशन के अनुसार मुख्तार अंसारी द्वारा कब्जाई गई जमीन मोहम्मद वसीम की थी. 1952 में वह देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए. इसके बाद किसी अधिवक्ता टीएस कालरा ने दस्तावेजों में हेराफेरी की जिससे जमीन को निष्क्रांत करने वाला हिस्सा गायब कर दिया गया. 

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निष्क्रांत संपत्ति का भू-उपयोगी परिवर्तन कभी नहीं किया जा सकता है. जांच की गई तो मामले का खुलासा हुआ कि अधिवक्ता टीएस कालरा ने सिर्फ मुख्तार परिवार को जमीन नहीं बेची बल्कि कई लोगों को बेची है. 

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डालीगंज में इस जमीन पर जिनका अवैध कब्जा है उनपर धारा 33 और 39 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.  

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