लखनऊ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हैरान, 2 डोज के बाद नहीं बनी एंटीबॉडी

Smart News Team, Last updated: Tue, 8th Jun 2021, 11:15 AM IST
कोरोना की दोनों डोज ले चुके. एक हजार हेल्थ वर्कर्स पर किए गए स्क्रीनिंग के बाद उनमें से सात फ़ीसदी लोगों में एंटीबॉडी नहीं बनने के सबूत मिले है. डॉक्टर के अनुसार शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनने पर वाले लोगों पर और अधिक रिसर्च होने की जरूरत है.
दोनों डोज ले चुके चार हजार हेल्थ वर्कर्स पर एंटीबॉडी स्क्रीनिंग होना बाक़ी है. (प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ( केजीएमयू) के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट ने कोरोना के दोनों डोज लगवा चुके एक हजार हेल्थ वर्कर्स पर एंटीबॉडी स्क्रीनिंग किया गया. जिसमें से सात फ़ीसदी लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाली प्रतिरोधक क्षमता या एंटीबॉडी नहीं बनने का मामला सामने आया है. डिपार्टमेंट के डॉक्टर इस टेस्ट रिपोर्ट से हैरान है.

देश में पहली बार कोरोना का टीका लगने के बाद एंटीबॉडी स्क्रीनिंग किया जा है. मेडिकल कॉलेज का यह डिपार्टमेंट दोनों डोज ले चुके चार हजार हेल्थ वर्कर्स पर प्रतिरोधक क्षमता की जांच अभी और करेगा. डॉक्टर जांच से कोशिश कर रहे है. कि इन 7 फ़ीसदी लोगों में दोनों डोज लेने के बाद एंटीबॉडी क्यों नहीं बन रही है.

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लखनऊ मेडिकल कॉलेज के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की हेड तूलिका चंद्रा ने बताया कि जिन 7 फ़ीसदी लोगों में टीकाकरण के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बनी है. यह विषय और अधिक रिसर्च का है. इन सात फ़ीसदी लोगों में प्रतिरोधक क्षमता उनके शरीर के हार्मोन के कारण  से नहीं बन रहे हो.

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