लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट से मिली जमानत, पर जेल से रिहाई अभी नहीं

Somya Sri, Last updated: Fri, 11th Feb 2022, 2:24 PM IST
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर खीरी हिंसा में आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है. लेकिन, मिश्रा को जेल से रिहाई अभी मिलना संभव नहीं है. कोर्ट ऑर्डर में धाराओं को लेकर एक क्लेरिकल मिस्टेक है. बेल ऑर्डर को संशोधित करने के बाद ही आशीष की रिहाई हो सकती है.
आशीष मिश्रा (फाइल फोटो)

लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भले ही आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है लेकिन मिश्रा को जेल से रिहाई अभी मिलना संभव नहीं है. माना जा रहा है कि अगले सफ्ताह तक ही आशीष मिश्रा की रिहाई हो सकती है. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ऑर्डर में धाराओं को लेकर एक क्लेरिकल मिस्टेक है. जिससे ये रिहाई में पेंच फंस गया है. कोर्ट ने बेल ऑर्डर पर हत्या और साजिश की धाराओं का जिक्र नहीं किया है. जिससे आशीष को बेल ऑर्डर को संशोधित करने के लिए अर्जी देनी होगी. इस मामले के सुलझने के बाद ही उन्हें रिहाई मिल सकेगी.

वहीं जमानत देने के दौरान कोर्ट ने कहा, "अभियोजन की दलीलें मान भी लें तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी थे. ऐसे में संभव है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई और यह घटना हो गई. जबकि याचिकाकर्ता ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें व लाठियां लिए थे. " वहीं कोर्ट ने कहा, " एसआईटी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया गया था. "

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क्या है मामला?

दरअसल, लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय राज्य मंत्री और यूपी के उप मुख्यमंत्री का विरोध करने के लिए किसान इकट्ठा हुए थे. इस दौरान किसानों ने मंत्री के काफिले को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद भाजपा और किसानों में जमकर हिंसक झड़प हो गई. जिसमें 4 किसान और 4 अन्य लोगों की मौत हो गई. वहीं, इस मामले में किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर गाड़ी से किसानों को रौंदने का आरोप लगााय था. जिसके चलते आशीष मिश्रा समेत 14 के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं पर मामला दर्ज किया गया. यूपी की योगी सरकार ने इस घटना में मरने वाले लोगों को 45 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी और घायलों को 10 लाख रुपये की मदद करने का ऐलान किया था.

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