लखनऊ: अब 62 लाख से कराएंगे पार्षद अपने वार्ड में विकास कार्य
- लखनऊ मेयर पार्षदों के विधायक नीधि से बजट कटौती को लेकर काफी हंगामा हुआ लेकिन अब पार्षद अपने वार्ड में 62 लाख से विकास कार्य करवा सकेंगे. काफी हंगामे के बाद पार्षदों की विकास निधि से 20 लाख की कटौती को निरस्त कर दिया गया है.
लखनऊ. नगर निगम लखनऊ के पार्षदों की विकास निधि से 20 लाख की कटौती को अब निरस्त किर दिया गया है. अब पार्षद अपने वार्ड में 62 .5 लाख से विकास कार्य कराएंगे. शुक्रवार को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने जब पार्षदों की विकास निधि से 20 लाख की कटौती की थी तो भाजपा, सपा व कांग्रेस के पार्षद एक हो गए थे और उन्होंने इस बात को लेकर काफी हंगामा किया था. अब महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त ने इस आदेश को निरस्त करते हुए पार्षदों की सहमति व उनके प्रस्ताव पर काम करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही महापौर म बैठक में एक निर्देश दिया गया है कि अब पार्षदों को प्रत्येक वार्ड में विकास कार्य के लिए 62.5 लाख रुपये जारी किए जाएंगे. शुक्रवार को हुए हंगामे की बीच नगर पार्षद काफी नाराज थे और इस बात पर महापौर ने एक बैठक बुलाई थी और इस बैठक में सभी पार्षद शामिल हुए थे.
बता दें जब नगर आयुक्त ने पार्षदों को विकास निधि में से 20 लाख की कटौती की तो बीजेपी पार्षद दिलीप श्रीवास्तव, रामकृष्ण यादव, नागेंद्र सिंह चौहान, कांग्रेस की ममता चौधरी, गिरीश मिश्रा और सपा के सैयद यावर हुसैन रैशू सहित कई पार्षदों ने हंगामा किया था. वहीं कांग्रेस पार्षद ममता चौधरी की नगर आयुक्त से भी झड़प हो गई थी.
लखनऊ: नगर निगम पर कर्मचारियों का 55 करोड़ का बकाया, 9 साल से नहीं मिला मंहगाई भत्ता
कांग्रेस पार्षद ममता चौधरी ने नगर आयुक्त पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया था. इस आरोप पर नगर आयुक्त ने कहा था कि ममता चौधरी से विवाद का मामला पर्सनल था क्योंकि इन्होंने इनका काम नहीं किया था. इसके साथ कुछ पार्षदों के वार्ड में काम कम हो रहा है इसलिए वह आरोप लगा रहे हैं. वहीं महापौर ने पैचवर्क के बारे में पार्षदों की सहमित से काम करने का आदेश दिया है.
अन्य खबरें
22 अक्टूबर को राज्य सरकार पेश करे SC/ST पीड़ितों के लिए बनाई स्कीम, हाईकोर्ट ने दिए आदेश
रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पाण्डेय का निधन, लखनऊ में ली अंतिम सांस