डेंगू का कहर शुरू, फॉगिंग के नाम पर लखनऊ नगर निगम कर रहा औपचारिकता

Smart News Team, Last updated: Fri, 16th Oct 2020, 8:05 AM IST
  • लखनऊ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो गई है, लेकिन डेंगू का कहर शुरू हो गया है. डेंगू की रोकथाम के लिए नगर निगम फॉगिंग की सिर्फ औपचारिकता कर रहा है.
लखनऊ में डेंगू से बचाव के लिए फाॅगिंग कराई जाएगी. इसके लिए रोस्टर जारी कर दिया गया है.

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो गई है, लेकिन डेंगू का कहर शुरू हो गया है. शहर के अस्पतालों में 150 से ज्यादा डेंगू और वायरस पीड़ित के मरीज भर्ती है. इन दिनों 500 से ज्यादा मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इधर, शहर में फैल रहे डेंगू के प्रकोप से लोगों को बचाने और मच्छरों को भगाने के लिए नगर निगम फॉगिंग की सिर्फ औपचारिकता कर रहा है. 

शहर में तेजी से डेंगू फैल रहा है, लेकिन इससे निपटने की जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी दिख रही है. वहीं, नगर निगम की फॉगिंग का रोस्टर अब दिखावा बन गया है. फॉगिंग करने वाली एक गाड़ी घंटेभर एक वार्ड को पूरा कर पा रही है. 

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जानकारी के अनुसार 300 से ज्यादा सैंपल स्वास्थ्य भवन की स्टेट लैब में भेजे गए हैं. एलाइजा जांच में 90 परसेंट सैम्पल पॉजिटिव मिले हैं. इन सब के बावजूद भी जिले में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी है. सिविल अस्पताल में नौ डेंगू के मरीज फिलहाल भर्ती हैं. डॉ. एसके नंदा ने बताया कि रोजाना ओपीडी में 100 से ज्यादा बुखार के मरीजी दिखाने आ रहे हैं. शहर में गोमतीनगर, खदरा, इंदिरानगर, डालीगंज, त्रिवेणीनगर, अलीगंज, जानकीपुरम समेत अन्य इलाकों में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है.

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जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और शहर में नगर निगम फॉगिंग की सिर्फ औपचारिकता कर रहा है. फॉगिंग के लिए जितना ईंधन उपलब्ध कराया जा रहा है, उससे सिर्फ 1 घन्टे तक ही फॉगिंग हो सकती हैं. फॉगिंग के लिए नगर निगम रोज 30 गाड़ियां उपलब्ध करवाता हैं. ड्राइवर को प्रतिदिन 372 रुपये और ऑपरेटर को 325 रुपये मिलते हैं. मशीन चलाने के लिए सवा लीटर पेट्रोल और फॉगिंग केमिकल मिलाने के लिए 20 लीटर डीज़ल और पांच लीटर डीज़ल अलग से दिया जाता है. इतने से मशीन सिर्फ एक घण्टा ही चल पा रही हैं. फॉगिंग से मच्छर तो नहीं मर रहे हैं, सिर्फ औपचारिकता पूरी हो रही हैं. अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि जितना बजट है, उसी के हिसाब से ईंधन उपलब्ध कराया जा रहा है. फॉगिंग का समय बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.

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