दोस्त की मौत के बाद 24 घंटे में पहुंचाई 5 लाख की मदद, ऐसे पेश की मिसाल

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Jun 2021, 11:51 AM IST
  • नजीर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुछ दोस्तों ने 33 साल पुरानी दोस्ती की मिसाल कायम की है. यूनिवर्सिटी के 1987 कॉमर्स बैच के 70 लोगों ने अपने एक साथी के कोरोना के कारण हुए निधन के बाद उसके परिवार की आर्थिक मदद करनी चाही. ग्रुप के 70 लोगों ने सिर्फ 24 घंटे में परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता पहुंचाई.
लखनऊ नजीर विश्वविद्यालय के दोस्तों ने मिलकर मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद पहुंचाई. (प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ. लखनऊ के नजीर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुछ दोस्तों ने दोस्ती जैसे रिश्ते की मिशाल कायम की है. दरअसल यह खबर नजीर लखनऊ विश्वविद्यालय में 1987 कॉमर्स के बैच की है जिसमें 33 साल बाद जब उनके एक दोस्त का कोरोना से निधन हो गया और उसके परिवार को आर्थिक रुप से कमजोर देखा तो 87 बैच के 70 लोगों ने सिर्फ 24 घंटे में परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता पहुंचाई. यह आर्थिक मदद न तो कोई फंड की सहायता की गई और न ही दिखावे के लिए की गई. दोस्तों ने आपस में ही पैसे जोड़ कर मृतक की पत्नी के नाम डीडी बनाकर चुपचाप उन तक पैसे पहुंचा दिए.

बता दें कि 1987 के इस कॉमर्स बैच के सभी लोग व्हाट्सएप के जरिए एक दूसरे से जुड़े थे. एक दूसरे से बहुत कम मुलाकात होती थी जिसके चलते उन्होंने व्हाट्सएप पर एक यूनियन ग्रुप भी बना लिया था. उसी ग्रुप के माध्यम से पता चला कि उनके एक दोस्त की कोरोना से मौत हो गई है. ग्रुप के अन्य सदस्यों ने स्वयं सोचा कि उस दोस्त के घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी उन्हे दोस्त के परिवार को मदद करनी चाहिए लेकिन दोस्त के परिवार को शर्मिंदा भी न करना चाहते थे और न ही पैसे देकर सहायता करने के लिए अपनी वाह वाही कराना चाहते थे इसलिए ग्रुप के 70 लोगों ने रातों-रात पैसा एकत्र किया और चुपचाप जाकर दोस्त के घर दे दिया. 

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एक दोस्त की मदद करने के बाद उन्होंने नई पहल करनी चाही है लविवि के 33 साल पुराने दोस्तों के ग्रुप में भविष्य में आने वाले संकट से लड़ने के लिए सभी सदस्यों को ग्रुप इंश्योरेंस कराने का प्रस्ताव तैयार किया है. इस बैच के 70 लोग ग्रुप से जुड़े हुए हैं इन सभी को इंश्योरेंस कराया जाएगा. सभी लोग सालाना कुछ रकम फंड के रूप में जमा करेंगे जिससे प्रीमियम भरा जाएगा।

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