मुबंई में बैठे जालसाज ने की थी राम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ ठगी, जांच शुरू

Smart News Team, Last updated: Fri, 11th Sep 2020, 12:54 PM IST
  • क्लोन चेक के जरिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के खाते से छह लाख रुपये निकालने वाले फ्राड को पकड़ने के लिए पुलिस टीम मुंबई भेजी गई है. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने कहा कि एसबीआई, लखनऊ की क्लीयरिंग शाखा की सतर्कता से नौ लाख 86 हजार के फर्जी चेक का भुगतान रुक गया. 
राम मंदिर के निर्माण के लिए बने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अकाउंट से चेक क्लोन के माध्यम से लाखों रुपये निकाल लिया गया है.

लखनऊ. क्लोन चेक के जरिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के खाते से छह लाख रुपये निकालने वाला फ्राड मुम्बई का है जिसे पकड़ने के लिए एक टीम मुंबई भेजी गई है. इस मामले में एसएसपी दीपक कुमार ने बताया पैसे निकालने वाले खाते की लोकेशन महाराष्ट्र में मिली है. अब एक टीम मुंबई भेजी गई है. वहीं रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के गोपनीय खाते से दो बार में ट्रांसफर छह लाख रुपयों में से चार लाख रुपये जालसाज ने निकाल लिया है. इसके बाद जालसाज के पंजाब नेशनल बैंक स्थित खाते में अभी दो लाख रुपये बचे हैं. इस मामले में अयोध्या की भारतीय स्टेट बैंक शाखा के प्रबंधक प्रियांशु शर्मा ने फौरन जालसाज के पीएनबी खाते को फ्रीज करा दिया है. इसके अलावा बैंक आफ बड़ौदा के खाते में लगाए गये नौ लाख, 86 हजार रुपये के चेक का भुगतान भी रोक दिया गया है.

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इस मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश राय ने बताया कि ट्रस्ट महासचिव चंपत राय की तहरीर पर अयोध्या कोतवाली में संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जा रही है. लोकेशन सामने आने के बाद प्रकरण में आवश्यक तथ्य जुटाने और जालसाज को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दल को मुंबई भेजा गया है. गौरतलब है कि एसबीआई में रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से भुगतान के लिए अलग खाता खोला गया है, जिससे आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने में सुविधा हो. कुछ दिनों पहले ट्रस्ट ने जमा खाता और चालू खाता के बारे में सार्वजनिक सूचना जारी की थी.

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यह सूचना दानदाताओं को राम मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान देने के लिए दी गई थी. लेकिन भुगतान के लिए जो खाता खोला गया वह उन्हीं लोगों तक सीमित है जिनसे ट्रस्ट लेन-देन कर रहा है. इसके बावजूद जालसाज ने न केवल खाते की जानकारी हासिल कर ली बल्कि उसे ट्रस्ट के लिए बैंक से दिए गए चेक के नंबरों की सटीक सूचना भी मिल गई. इसी के जरिए जालसाज ने साइन किए चेक के नंबरों को बदल-बदल कर दो बार में ढाई लाख और साढ़े तीन लाख की राशि का भुगतान अपने खाते में करा लिया. वहीं ट्रस्ट को इसी भनक तक नहीं लगी.

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जालसाज ने जब तीसरी बार नौ लाख, 86 हजार का चेक भुगतान के लिए लगा दिया तब जाकर मामला खुला. तीसरी बार उसने चेक पीएनबी के बजाय बैंक आफ बड़ौदा के खाते में लगाया था. ऐसे में, इस चेक के भुगतान से पहले लखनऊ की मुख्य शाखा से वेरिफिकेशन के लिए ट्रस्ट महासचिव को फोन किया गया तब मामला खुला. ट्रस्ट महासचिव चंपत राय का कहना है कि एसबीआई, लखनऊ की क्लीयरिंग शाखा की सतर्कता से नौ लाख 86 हजार के फर्जी चेक का भुगतान रुक गया है. उन्होंने कहा कि भुगतान के लिए जिस नंबर का चेक बैंक भेजा गया, वह उनके पास मौजूद था. फिलहाल तीन चेकों को क्रास कर जांच के लिए क्लीयरिंग शाखा को भेज दिया गया है.

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