50 करोड़ की लागत से गोमती नदी पर बना रबड़ डैम पानी में बहा, आधिकारियों को नहीं कोई जानकारी

Haimendra Singh, Last updated: Tue, 21st Sep 2021, 10:15 AM IST
  • लखनऊ को सुंदर बनाने के लिए रिवर फ्रंट योजना के तहत गोमती नदी पर बना रबड़ डैम पानी में बह गया है. सपा सरकार ने इससे इससे 2014 से 2016 के बीच लगभग 50 करोड़ की लागत से बनाया था. रबड़ डैम को एशिया का सबसे बड़ा भी माना जाता था.
लखनऊ रिवर फंट योजना के तहत गोमती नदी पर बना रबड़ डैम पानी में बहा.( फाइल फोटो )

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में रिवर फ्रंट योजना के तहत गोमती नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया रबड़ डैम पानी में बह गया है. डैम के पानी में बह जाने के बाद मौजूदा स्थान पर सिर्फ कंक्रीट के पिलर ही खड़े नजर आ रहे है. स्थिति ऐसी हो गई है कि डैम को दोबारा बनाना मुश्किल लग रहा है. इसके अलावा समतामूलक चौक के पास गोमती नदी के किनारे पर फाउंटेन लगाया गया था लेकिन अब यह फाउंटेन भी लापता हो गया है. दोनों ही मामलों में सिंचाई विभाग को पता ही नहीं है कि लखनऊ को सुन्दर बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके बनाये डैम और फाउंटेन कहा गया.

2014 से 2016 के बीच सपा सरकार ने रिवर फ्रंट योजना के तहत 49.61 करोड़ रुपए की लागत से गोमती नदी के डॉउनस्ट्रीम में ला मार्टिनियर कॉलेज की तरफ रबड़ डैम का निर्माण कराया गया था. सपा सरकार ने इस परियोजना पर दिल खोलकर पैसा खर्च किया था. साल 2017 में सरकार बदलने के बाद मामले की जांच शुरू हुई. बाद में जांच को केंद्रीय जांच एंजेसी( सीबीआई) के हवाले कर दिया. सीबीआई जांच में तत्कालीन सरकार में कई इंजीनियरों को दोषी पाया गया. जिन्हें बाद में जेल भेज दिया. रबड़ डैम के पास ही सिंचाई विभाग का कार्यालय भी है, जहां विभाग के कई वरिष्ट अधिकारी बैठते है, लेकिन इस बात की किसी को जानकारी नहीं है कि आखरी डैम गया तो गया कहा.

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एलडीए अधिकारी ने दिया जबाव

लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियन्ता इन्दूशेखर सिंह ने कहा, कि एलडीए गोमती नदी के किनारे केवल हरियाली का कार्य देख रहा है. प्राधिकरण ने पहले के मुबाकले नदी किनारों को काफी हरा भरा बना दिया है. रबड़ डैम व चीजों की देखरेख सिंचाई विभाग करता है. डैम के पानी में बह जाने के लिए एलडीए जिम्मेदार नहीं है.

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