लखनऊ: दुर्गेश हत्याकांड में शामिल अनुभाग अधिकारी अजय सिंह गिरफ्तार

Smart News Team, Last updated: Sat, 5th Sep 2020, 9:14 AM IST
  • लखनऊ में हुए दुर्गेश हत्याकांड के बाद सामने आए फर्जीवाड़े में अनुभाग अधिकारी अजय सिंह भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने खुद को समीक्षा अधिकारी बताकर धोखाधड़ी की थी. अजय सिंह के ही घर पर दुर्गेश यादव की हत्या हुई थी.
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लखनऊ. लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर 14 स्थित बरौली क्रॉसिंग के पास 2 सितंबर को गोली मारकर दुर्गेश यादव की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पीजीआई थाने की पुलिस ने शुक्रवार रात सेक्शन अफसर अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया. दुर्गेश अजय के ही मकान में किराए पर रहता था. उसी घर पर दुर्गेश की हत्या हुई थी. पुलिस ने अजय को गिरफ्तार किया और उसे उसी कमरे पर लेकर पहुंची. उसने अपनी चाभी से ताला खोला और अंदर से 120 नौकरी संबंधी दस्तावेज, 3 ट्रॉली बैग फर्जी कागज समेत बड़ी मात्रा में बेरोजगारों को लजाल में फंसाने के दस्तावेज मिले. 

इन दस्तावेजों में ज्वानिंग लेटर, सचिवालय की मोहरें, सर्विस बुक समेत तमाम सामान था. इससे पहले पुलिस चार अन्य जालसाजों को गिरफ्तार कर चुकी है. गौरतलब हो की दुर्गेश यादव की हत्या के बाद जांच में जुटी पुलिस दुर्गेश के किराए के घर गई. ये सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी अजय यादव का मकान है. दुर्गेश के कमरे में हर जगह खून बिखरा था. इससे साफ हो रहा था कि दुर्गेश और आरोपियों में मारपीट हुई थी. 

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पुलिस ने कमरे की तलाशी ली. वहां से भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट और नौकरियों से जुड़े हुए दस्तावेज बरामद हुए. सचिवालय से जुड़े हुए भी कई कागजात और मुहर पुलिस को मौके से मिली थी. एक प्रेस का आई कार्ड मिला जो दुर्गेश यादव के नाम पर था.

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पुलिस ने जब गहनता से छानबीन की तो पता चला कि मारा गया दुर्गेश यादव गोरखपुर के उरुवा बाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ लूट, रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे. सूत्रों के मुताबिक दुर्गेश के खिलाफ राजधानी लखनऊ में भी एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये पूरा मामला फर्जी मार्कशीटों के जरिए सरकारी नौकरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह से जुड़ा हो सकता है.

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