लखनऊ: राज्य विधि आयोग की सिफारिश, संपत्ति बंटवारे में केवल 5 हजार स्टांप शुल्क किया जाए

Priya Gupta, Last updated: Tue, 21st Sep 2021, 1:14 PM IST
  • राज्य विधि आयोग ने सरकार से सिफारिश की है परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारों के लिए स्टांप शुल्क व रजिस्ट्रेशन फीस को कम किया जाए.
राज्य विधि आयोग की सिफारिश

लखनऊ:राज्य विधि आयोग ने सरकार से सिफारिश की है परिवार के सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारों के लिए स्टांप शुल्क व रजिस्ट्रेशन फीस को कम करते हुए क्रमश 5000 रुपये व 2000 रु किया जाए. इससे प्रदेश में संपत्ति बंटवारें, हस्तांतरण, वसीयत आदि से जुड़े मुकदमों में कमी आएगी. साथ ही सरकार को स्टांप से मिलने वाले शुल्क में कोई कमी नहीं आनी चाहिए.

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ती (सेवानिवृत) आदित्य नाथ मित्तल ने बताया कि उन्होंने आयोग की ओर से 20वां प्रत्यावेदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है. वर्तमान में संपत्ति के मृत्यु पर 7 प्रतिशत और एक फिसदी रजिस्ट्रेशन शुल्क पड़ता है. मान लीजिए कि किसी संपत्ति की कीमत सर्किल रेट के मुताबिक एक करोड़ रुपये और  परिवार का मुखिया उसे चार हिस्सों में बांटता है तो एक चौथाई हिस्से पर स्टांप शुल्क छोड़ दिया जाएगा.

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अन्य तीन हिस्सों (यानी 75 लाख) पर 7 प्रतिशत शहरी इलाके में यानी करीब पांच लाख के आसपास स्टांप शुल्क पड़ता है. एक फिसदी रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है. महिलाओं के मामले में शहरों में 10 लाख फिसदी की छूट के साथ 6 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगता है जो 10 हजार से अधिक नहीं हो सकता है. ग्रामिण इलाके में स्टांप शुल्क दो फिसदी कम करके लिया जाता है.

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