TAVR तकनीक से हुई दिल की सर्जरी, 4 घंटे के बजाए 45 मिनट में ऑपरेशन सफल

Somya Sri, Last updated: Fri, 29th Oct 2021, 4:17 PM IST
  • लखनऊ के लोहिया संस्थान में डॉक्टरों ने 71 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचा ली. बुजुर्ग को दिल की बीमारी थी. डॉक्टरों ने टीएवीआर यानी ट्रांस कैथेटर आर्कोटेक वाल्व रिप्लेसमेंट के जरिए बिना चीरा टांका लगाए दिल का वाल्व बदल दिया. अमूमन इस ऑपरेशन में 4 घंटे का समय लगता है पर डॉक्टरों ने बुजुर्ग का इलाज 45 मिनट में कर दिया.
TAVR तकनीक से हुई दिल की सर्जरी, 4 घंटे के बजाए 45 मिनट में ऑपरेशन सफल (फाइल फोटो)

लखनऊ: लखनऊ के लोहिया संस्थान में डॉक्टरों ने 71 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचा ली. बुजुर्ग को दिल की बीमारी थी. डॉक्टरों ने टीएवीआर यानी ट्रांस कैथेटर आर्कोटेक वाल्व रिप्लेसमेंट के जरिए बिना चीरा टांका लगाए दिल का वाल्व बदल दिया. अमूमन इस ऑपरेशन में 4 घंटे का समय लगता है पर डॉक्टरों ने बुजुर्ग का इलाज 45 मिनट में कर दिया. मिली जानकारी के मुताबिक संत कबीर नगर निवासी 31 वर्षीय बुजुर्ग को दिल की बीमारी थी. चलने फिरने पर सांस फूलने लगती थी. इसके बाद परिवार वाले बुजुर्गों को लोहिया संस्थान लेकर पहुंचे. यहां कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ भुवन चंद्र के निर्देशन में बुजुर्गों का इलाज हुआ. इलाज के दौरान दिल के वाल्व के सिकुड़न की बात सामने आई. डॉक्टर ने परिवार वालों को बताया कि बुजुर्ग के दिल का वाल्व बदलने की जरूरत है.

बता दें कि डॉक्टरों ने बुजुर्ग का इलाज टीएवीआर तकनीक से की. इससे सीने की हड्डी करने की जरूरत नहीं पड़ती है साथ ही ऑपरेशन 4 घंटे के बजाय 45 मिनट में पूरा हो जाता है. डॉक्टरों ने दावा किया है कि मरीज पूरी तरह से सेहतमंद है. डॉक्टरों ने बताया कि इस तकनीक की मदद से पहली बार संस्थान में वाल्व का रिप्लेसमेंट किया गया है. उन्होंने बताया कि कैथेटर के जरिये जांघ की नस से दिल तक जाकर खराब वाल्व को बदल दिया गया.

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मालूम हो कि दिल के मरीजों के लिए वॉल्व बदलना पहले एक बड़ी चुनौती हुआ करती थी. जिसके लिए सर्जरी जरूरी थी, लेकिन अब यह काम बिना सर्जरी के भी संभव हो गया है. भारतीय डॉक्टरों को अब बिना सर्जरी वॉल्व बदलने के काम में सफलता मिल गई है.

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