PMO से लेकर DGP के दफ्तर तक, अफसरों को फोन पर धमकाता था नाबालिग छात्र, अब...

Nawab Ali, Last updated: Tue, 28th Sep 2021, 8:00 AM IST
  • प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी समेत कई सरकारी दफ्तरों में फोन कर अफसरों को एक नाबालिग छात्र धमकाता था. छात्र ने केडीए दफ्तर में फोन करके रंगदारी देने को भी कहा था जिसके बाद उसके खिलाफ लखनऊ के दारुलशफा चौकी में एक सप्ताह पहले मुकदमा दर्ज किया गया था. 
प्रधानमंत्री कार्यालय फ़ोन कर धमकाने वाला छात्र निकला मानसिक बीमार. (प्रतीकात्मक फोटो)

लखनऊ. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी समेत कई सरकारी दफ्तरों में फोन कर अफसरों को धमकाने वाला छात्र नाबालिग निकला. छात्र ने केडीए दफ्तर में रंगदारी देने को कहा था जिसके खिलाफ लखनऊ के दारुलशफा चौकी में एक सप्ताह पहले केस दर्ज हुआ था. पुलिस ने आरोपी छात्र को कानपुर से गिरफ्तार किया. जांच में खुलासा हुआ है कि नाबालिग छात्र मानसिक रूप से बीमार है जिसे बाद में उसे परिवार को सौंप दिया गया. नाबालिग होने कारण छात्र को जेल नहीं भेजा जा सकता था.

एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और डीजीपी, कार्यालय में फोन कर कई सरकारी अफसरों को धमकाया गया था. फोन पर गया था कि काम सही नहीं हो रहा है जिसके बाद लगातार कॉल आने विभागों में हडकंप मचा गया था इतना ही नहीं केडीए दफ्तर में रंगदारी देने को भी कहा गया. फोन कॉल को लेकर लखनऊ के दारुलशफा चौकी इंचार्ज अरविंद राय ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी कानपुर का रेहान वाला है जब उसके घर पुलिस पहुंची तो पता चला की वो नाबालिग छात्र है. पुलिस पूछताछ के लिए नाबालिग छात्र को अपने साथ लखनऊ ले आई थी. पुलिस जांच में नाबालिग के छात्र मानसिक रूप से बीमार निकलने की बात सामने आई है. मानसिक रूप से बीमार और नाबालिग होने कारण पुलिस ने छात्र को उसके परिवार को सौंप दिया.

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इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि नाबालिग छात्र ने कई नंबरों से सरकारी विभागों में फोन किया था. कानपुर विकास प्राधिकरण में सरकारी नम्बर पर कॉल कर धमकी दी गई और रंगदारी देने को कहा गया. रंगदारी न मिलने पर मारने की धमकी दी गई. इंस्पेक्टर ने बताया है कि पुलिस पड़ताल में आरोपी नाबालिग छात्र निकला जिसके बाद उसे लखनऊ लाया गया था लेकिन जांच में पता चला कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है. मानसिक बीमार की बात सही निकलने पर पुलिस ने आरोपी छात्र को घर वालों के सुपुर्द कर दिया गया. इस मामले में धमकी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत सात दिन पहले एफआईआर दर्ज की गई थी.

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