लखनऊ, कानपुर समेत 16 मोस्ट पाल्यूटेड सिटी पर शासन हुआ सख्त, होगी कड़ी निगरानी

Smart News Team, Last updated: Thu, 29th Oct 2020, 1:48 PM IST
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए कड़ाई बरतने को कहा था. कोर्ट ने प्रशासन को भी हिदायत दी है कि सड़कों पर उड़ रहे धूल पर नियंत्रण के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.
यूपी के लखनऊ समेत कई शहरों की हवा प्रदूषण की वजह से जहरीली हो गई है.

लखनऊ.कोरोना महामारी के बाद अब वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदेश सरकार एलर्ट मोड में आ गई है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद शासन अब किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. वायु प्रदूषण के लिहाज से प्रदेश के 16 शहर अतिसंवेदनशील चिह्नित किए गए हैं. इन शहरों में शासन प्रदूषण के खिलाफ खास तौर पर सख्ती बरतने जा रही है. इनमें राजधानी लखनऊ, औद्योगिक शहर कानपुर, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, झांसी, मुरादाबाद, बरेली, सोनभद्र, रायबरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, अमरोहा शामिल हैं.

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शासन इन शहरों के चिह्नित स्थानों पर पैन-टिल्ट जूम (PTZ) कैमरे के माध्यम से 24 घंटे निगरानी कराएगी. कारखानों और औद्योगिक ईकाइयों की अचानक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. घरों और औद्योगिक कचरों के निपटान के लिए कारगर व्यवस्था कराई जाएगी. सड़कों पर कूड़ा फेंकने और एकत्र करने के लिए व्यवस्थित रास्ता निकाला जाएगा.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए कड़ाई बरतने को कहा था. कोर्ट ने प्रशासन को भी हिदायत दी है कि सड़कों पर उड़ रहे धूल पर नियंत्रण के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. सड़कों पर नियमित जल छिड़काव करने को भी कहा गया है.

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इसके साथ ही शासन नागरिकों को भी जागरूक करने और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रेरित करने के लिए सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी आगे आने की अपील की है. प्रशासनिक अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि शहरों में जगह-जगह जागरूकता अभियान चलाकर आम लोगों को प्रदूषण के खतरों के प्रति आगाह किया जाए.

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