इलाहाबाद हाईकोर्ट कर्मचारियों का पीजीआई लखनऊ में होगा मुफ्त इलाज

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Thu, 16th Sep 2021, 4:53 PM IST
  • यूपी के दोनों सदनों के सत्रावसान के बाद बुधवार को चले कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय रिवाल्विंग फंड प्रथम संशोधन  नियमावली को मंजूरी दे दी गई. इस संशोधन के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट कर्मचारियों को सूबे के राज्यकर्मचारियों की तर्ज पर पीजाआई लखनऊ में मुफ्त इलाज कराने का लाभ मिलेगा.
फाइल फोटो : इलाहाबाद हाईकोर्ट कर्मचारियों का पीजीआई लखनऊ में होगा मुफ्त इलाज (प्रतिकात्मक फोटो)

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे के राज्यकर्मचारियों की तर्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में तैनात कर्मचारियों, अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लखनऊ स्थित पीजीआई यानि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में इलाज मुहैया कराने का फैसला किया है. इन कर्मियों के इलाज पर आने वाले कुल खर्च की भरपाई राज्य सरकार रिवाल्विंग फंड के जरिए करेगी. सरकार ने बुधवार को चले कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इससे सम्बंधित नियमावली में प्रथम संशोधन को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय रिवाल्विंग फंड प्रथम संशोधन नियमावली को मंजूरी मिल गई.

गौरतलब हो कि इससे पहले हाईकोर्ट के कर्मचारियों को पीजीआई में इलाज कराने पर इस तरह का लाभ नहीं मिलता था. यूपी के दोनों सदनो का सत्रावसान होने के बाद चले कैबिनेट के बाई सर्कुलेशन में संबन्धित नियमावली के प्रथम संशोधन को मंजूरी मिलने से हाईकोर्ट के कर्मचारी लाभ ले सकेंगे. इसके आलावा इस प्रस्ताव में आवेदकों को रियायत भी दी गई है. इलाज में आए खर्च की कुल रकम का 5 प्रतिशत रकम आवेदक अपनी स्वेच्छा से जमा करना चाहे तो उसकी भी इजाजत है बाकी बचे 95 प्रतिशत रकम की भरपाई संस्थान रिवाल्विंग फंड का इस्तेमाल कर करेगी. आवेदक द्वारा स्वेच्छा से जमा किए गए बिलों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से सत्यापित कराने की कोई जरूरत नही होगी. बाकी रिवाल्विंग फंड द्वारा भरपाई किए गए बिलों का सत्यापन और प्रति में हस्ताक्षर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा कराना अनिवार्य होगा. सत्यापन के बाद हीं इलाज में आए खर्च के कुल रकम की प्रतिपूर्ति हो पाएगी.

क्या है कैबिनेट बाई सर्कुलेशन ?

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदन ( विधानसभा और विधान परिषद) का सत्रावसान कर दिया गया है. ऐसे में दोनों सदनों के मानसून सत्र के सत्रावसान संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए बुधवार को मंजूरी दे दी गई. गौरतलब हो कि विधानमंडल का मानसून सत्र 17 से 19 अगस्त तक चला था. इसमें अनुपूरक बजट पास कराया गया था.

क्या है रिवाल्विंग फंड ?

रिवाल्विंग फंड (परिक्रामी निधि) ऐसा खाता है, जो किसी वित्तीय वर्ष की सीमा के बिना किसी हाईकोर्ट या सरकारी कर्मचारी के लिए हमेशा उपलब्ध रहता है. इलाज के दौरान ऋण के रूप में राजकीय संस्थानों की ओर से हाईकोर्ट या सरकारी कर्मचारी को मुहैया कराया जाता है. इसके आलावा हाईकोर्ट या सरकारी कर्मचारी के इलाज में सरकारी संस्थान किए गए खर्च की भरपाई भी करती है. कहने का मतलब ये है कि यदि कोई कर्मचारी इलाज की रकम की भरपाई कर देता है तो सरकारें उसके रकम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सत्यापन के बाद वापस कर देता है जिसे शुल्क प्रतिपूर्ति नाम दिया गया है.

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