शहीद पथ पर होगा एक और टाउनशिप का निर्माण, HC ने नगर निगम के पक्ष में दिया फैसला

Smart News Team, Last updated: Sat, 3rd Jul 2021, 2:25 PM IST
लखनऊ में शहीद पथ पर एक और टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा. इस संबंध में शुक्रवार को नगर निगम के पक्ष में हाई कोर्ट का फैसला आया.निर्णय की कॉपी मिलते ही नगर निगम की टीम ने औरंगाबाद खालसा के पास ओमेक्स सिटी की दीवार को तोड़ दिया.
लखनऊ में शहीद पथ पर एक और टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा.

लखनऊ. शहीद पथ के पास एक और टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा. गौरतलब है कि नगर निगम की तरफ से पहली बार एक आवासीय योजना को लाया जा रहा है। हाईकोर्ट से नगर निगम के पक्ष में निर्णय आने से इस आवासीय योजना को गति मिली. इसके बाद विरोध के बीच नगर निगम ने शुक्रवार दोपहर तीन बजे से औरंगाबाद खालसा के पास ओमेक्स सिटी की दीवार को तोड़ दिया. आपको बता दें कि कंकरीट की इस दीवार से नगर निगम की आवासीय परियोजना के मुख्य सम्पर्क मार्ग में रुकावट पैदा हो रही थी. अदालत में हुआ लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने नगर निगम के पक्ष में निर्णय सुनाया. इसके बाद निर्णय की कॉपी मिलते ही नगर निगम की टीम दीवार को तोड़ने के लिए निकल पड़ी और पुलिस की मौजूदगी में दीवार को तोड़ दिया.

नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि शहीद पथ के पास ग्राम औरंगाबाद खालसा स्थित भूमि पर आवासीय एवं व्यावसायिक परियोजना चल रही है. यह परियोजना म्युनिसिपल बॉण्ड से मिली 2 अरब की राशि से तैयार की जा रही है. इसमें कई श्रेणी के 684 फ्लैट और 21 नग व्यावसायिक दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है. इस आवासीय योजना और दुकानों की बिक्री को जल्द चालू किया जाएगा.

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जानकारी के अनुसार इस परियोजना के पास ओमेक्स सिटी के मध्य से प्रस्तावित मुख्य मार्ग के संबंध में ओमेक्स रेजीडेन्ट एंड एलॉटीज एंड टू अदर्स ने वर्ष 2018 में उच्च न्यायालय में वाद दायर करते हुए नगर निगम के प्रस्तावित सम्पर्क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया था. मुख्य सम्पर्क मार्ग अवरुद्ध होने से परियोजना पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था. नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम तीन वर्षों से कोर्ट में लड़ाई लड़ रही थी. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने ओमेक्स सिटी को लेकर नगर निगम के पक्ष में निर्णय दिया. इस फैसले से ओमेक्स सिटी से प्रस्तावित मुख्य सम्पर्क मार्ग का अवरोध खत्म हो गया है. अब आवंटियों को रायबरेली मुख्य मार्ग से सीधा प्रवेश मिलेगा. इससे सम्पत्ति की कीमत में वृद्धि होगी.

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बताते चलें कि समायोजन में नगर निगम की ठीक लोकेशन की जमीन को ओमेक्स सिटी को देने में पूर्व में तैनात रहे एक तहसीलदार ने भूमिका निभाई थी जिसमें नगर निगम के पूर्व कर्मचारी भी शामिल थे लेकिन रसूखदार होने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. जमीन को खाली कराने में नगर निगम को कई लाख की रकम पैरवी में खर्च करनी पड़ी. नगर निगम की तमाम जमीनों का सौदा करने वाले तत्कालीन तहसीलदार और कुछ कर्मचारियों के खेल से नगर निगम की कई जमीनों का भी सौदा हो गया था लेकिन उनके खिलाफ कोई मुकदमा तक दर्ज नहीं हो सका.

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