EWS कोटे में भाई की नियुक्ति को लेकर मंत्री सतीश द्विवेदी को विपक्ष ने घेरा,प्रियंका बोलीं- UP में आरक्षण बना मजाक

Smart News Team, Last updated: Sun, 23rd May 2021, 4:41 PM IST
EWS कोटे में भाई की नियुक्ति को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी विपक्ष के सवालों के घेरे में हैं. इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में आरक्षण मजाक बन गया है. इसके अलावा आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है. सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने इस मामले में राज्यपाल को पत्र लिखा है.
ईडब्ल्यूएस कोटे में भाई की नियुक्ति को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी विपक्ष के सवालों के घेरे में हैं.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में ईडब्ल्यूएस कोटे में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई नियुक्ति को लेकर सियासत गरमा गई है. इसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आपदा में अवसर वाली नौकरी रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गरीब और आरक्षण का मजाक बना है.

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी में 1621 शिक्षक की मौत हुई है लेकिन यह मंत्री सतीश द्विवेदी को मालूम नहीं है. उन्होंने मरने वाले शिक्षकों की संख्या 3 बताई है. लेकिन अपने सगे भाई को ईडब्ल्यूएस कोटे में नौकरी कैसे देनी है, यह मंत्री जी को मालूम है. यह नौकरी के लिए लाठी खा रहे उत्तर प्रदेश के युवाओं का घोर अपमान है.

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इस बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र दुबे ने कहा कि मनोविज्ञान में करीब डेढ़ सौ आवेदन आए थे. मेरिट के आधार पर 10 आवेदकों का चयन किया गया. इसमें अरुण पुत्र अयोध्या प्रसाद भी थे. इन्हीं 10 का इंटरव्यू हुआ तो अरुण दूसरे स्थान पर रहे. कुलपति ने बताया कि इंटरव्यू, एकेडमिक और दूसरे नंबरों को जोड़ने पर अरुण पहले स्थान पर आ गए. इस वजह से उनका चयन हुआ है. इंटरव्यू का वीडियो भी है. सोशल मीडियो से मुझे पता चला कि वो मंत्री के भाई हैं. ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट फर्जी होगा तो दंड के भागी होंगे.

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गौरतलब है कि इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार डॉ नूतन ठाकुर ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि डॉ अरुण कुमार शिक्षा मंत्री के भाई होने के साथ ही स्वयं भी वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. इसके बावजूद डॉक्टर अरुण द्वारा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट प्राप्त करना प्रथम दृष्टया जांच का विषय दिखता है. उन्होंने यह भी कहा कि कुलपति का कथन और शिक्षा मंत्री की सूची इस पूरे प्रकरण को और भी अधिक संदिग्ध और गंभीर बना देती है.

दूसरी तरफ इस मामले में अपने भाई अरुण द्विवेदी को लेकर मंत्री सतीश त्रिवेदी ने कहा कि यह उसका दुर्भाग्य है कि वह मेरा भाई है. विश्वविद्यालय ने निश्चित प्रक्रिया के तहत उसका चयन किया है. जिसे आपत्ति है, वह जांच करवा सकता है. ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर उन्होंने कहा कि मेरी आर्थिक स्थिति अलग हो सकती है और मेरे भाई की आर्थिक स्थिति अलग हो सकती है.

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आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी का सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में चयन ईडब्ल्यूएस कोटे से मनोविज्ञान विभाग में हुआ है. बीते शुक्रवार को को ही मंत्री के भाई ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में ज्वाइन किया है. इसके बाद से ही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी विपक्ष के सवालों के घेरे में आ गए हैं.

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