CM योगी का आदेश, सपा शासन में हुए को-ऑपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले में दर्ज होगी FIR

Smart News Team, Last updated: Sat, 24th Oct 2020, 12:14 PM IST
  • सपा सरकार के समय 2012 से 2017 के बीच हुई भर्तियों की जांच मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी कर रही है. एसआइटी ने प्रकरण में बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सपा शासनकाल में हुए को-ऑपरेटिव बैंक नियुक्ति घोटाले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रूख अख्तियार किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी अफसरों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है. सीएम योगी ने इस बैंक के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशकों के साथ ही उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव, सदस्य और भर्ती कंप्यूटर एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

बता दें कि सपा सरकार के समय 2012 से 2017 के बीच हुई भर्तियों की जांच मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी कर रही है. एसआइटी ने प्रकरण में बीते दिनों अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने की सिफारिश की थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर नियुक्तियों में धांधली के इस गंभीर मामले में एफआइआर की मंजूरी दिए जाने की जानकारी साझा की है.

 

आदेश के मुताबिक उ.प्र.को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक (सामान्य) एवं सहायक प्रबंधक (कम्प्यूटर) की वर्ष 2015-16 तथा प्रबंधक व सहायक / कैशियर पद पर 2016-17 में की गई भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपों में को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड तथा उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल लखनऊ की तत्कालीन प्रबंध समिति के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित सात आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाना है. भर्ती प्रक्रिया के दौरान योग्यता निर्धारण में बदलाव और अन्य अनियमितताएं बरती गईं. इसके माध्यम से नेताओं और नौकरशाहों के परिवारीजनों को नौकरियां बांटी गईं थी.

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एसआईटी जांच में उ.प्र. को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन दो प्रबंध निदेशक हीरालाल यादव और रविकांत सिंह, उ.प्र. सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, सचिव राकेश मिश्र, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव के साथ-साथ संबंधित भर्ती कम्प्यूटर एजेंसी मेसर्स एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड और सहकारी संस्थागत सेवामंडल की प्रबंध समिति के अन्य अधिकारियों व कर्मचरियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा-420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत अभियोग पंजीकृत करने की अनुशंसा की गई थी. इस अनुशंसा को मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है. इन सभी पर अब एफआइआर दर्ज होगी.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआइटी के अधिकारियों को उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में वर्ष 2013 तथा उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वर्ष 2015-16 में हुई भर्तियों की जांच एक माह में पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया है.

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