UP में ढाई दशक में पहली बार मार्च-अप्रैल में होंगे पंचायत चुनाव, तैयारियां तेज

Smart News Team, Last updated: Tue, 9th Feb 2021, 12:32 PM IST
  • यूपी में पिछले ढाई दशक में इस बार पहला मौका है जब मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही है.
यूपी पंचायत चुनाव 2021

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो पर चर रही हैं. वहीं यूपी में पिछले ढाई दशक में इस बार पहला मौका है जब मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. अगर हाईकोर्ट का सख्त आदेश न होता तो शायद इस बार भी मार्च-अप्रैल में चुनाव नहीं होते. राज्य निर्वाचन आयोग के रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2000 का पंचायत चुनाव मई-जून में, 2005 का चुनाव जुलाई में शुरू होकर अक्टूबर तक चला. इसी तरह वर्ष 2010 में सितंबर-अक्टूबर में और पिछला यानी 2015 में पंचायत का चुनाव सितंबर से दिसंबर के बीच कराया गया था.

आपको बता दें कि, मार्च-अप्रैल में चुनाव नहीं कराने के पीछे तर्क भी दिया जाता रहा है कि वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने से मार्च में सरकारी कर्मियों की व्यस्तता अधिक रहती है. गेहूं सहित रबी फसलों की कटाई होने से किसान भी खाली नहीं रहते हैंय इस बार कोरोना के कारण यदि कोई दिक्कत न होती तो अक्टूबर से दिसंबर के बीच ही चुनाव होते. सरकार की तरफ से परिसीमन और आरक्षण का काम समय से न कराने के कारण चुनाव टलता जा रहा था.

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गौरतलब है कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हुआ था इसलिए उससे अधिकतम छह माह यानी 25 जून से पहले ही चुनाव कराए जाने की अनिवार्यता थी. ऐसे में सरकार की जो तैयारी थी और आयोग ने जैसा अपना कार्यक्रम बनाया था. उसके मुताबिक मई तक चुनाव प्रक्रिया चलनी थी लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश से चुनाव तो मार्च-अप्रैल में ही होने हैं. 

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आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा का कहना है कि राज्य सरकार जैसे ही पदों के आरक्षण की अधिसूचना आयोग को उपलब्ध करा देगी, आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा ताकि कोर्ट द्वारा तय समय सीमा में ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सके.

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