कोरोना से उबरने के बाद फाइब्रोसिस कर रहा लोगों को परेशान, जानिए क्या है लक्षण

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Jun 2021, 10:22 AM IST
  • कोरोना से ठीक हो रहे लोगों को अब फाइब्रोसिस परेशान कर रहा है. फाइब्रोसिस से लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पोस्ट कोविड सेंटर की सलाह के बाद डॉक्टर मरीजों को सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे है.
कोरोना के बाद फाइब्रोसिस कर रहा है परेशान.( सांकेतिक फोटो )

लखनऊ: कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में इससे उरने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें फेफड़ो में सिकुडना आम समस्या बनती जा रही है. डॉक्टर इसे फाइब्रोसिस कहते है. इसके वजह से कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों को सांस लेने में परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए डॉ. कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लोगों से शरीर में आ रहे बदलावों पर गौर करने की बात कह रहे है. डॉ. का कहना है जितनी जल्दी इसका पता लगेगा उतनी ही जल्दी इसपर काबू पाया जा सकेगा.

डॉ. के अनुसार, पोस्ट कोविड पलमोनरी फाइब्रोसिस तब होता है. जब कोविड संक्रमण के कारण फेफड़े के नाजुक हिस्से पर नुकसान पहुंचता है. जिससे इसमें फिल्ली बन जाती है. इसके कारण फेफड़ो की कार्यक्षमता घटने लगती है. जिससे शरीर में शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन-डाइऑक्साइड का संतुलन गड़बड़ाने लगाता है. डॉ. की माने, समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया, तो यह जीवन भर का रोग बन सकता है. आप इसका पता लगाने के लिए किसी भी पोस्ट कोविड सेंटर में जाकर इसकी जांच करा सकते है.

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मेडिसन विभाग एम्स के प्रो. नीरज निश्चल ने बताया, कि कुछ मरीजों को कोविड से ठीक होने के बाद पल्मनरी फाइब्रोसिस के मामले देखे गए है. इसमें लोगों को टहलने या सीढ़िया चढ़ने पर सांस फूलना, खासते रहना, छीकतें समय छाती में दर्द की शिकायत होती है. प्रो. नीरज का कहना है कि ऐसी शिकायत होने पर तुंरत डॉ सम्पर्क करें. सीटी स्कैन में इस रोग का पता लगाया जा सकता है.

व्यायाम होता है मददगार

फ्राइबोसिस से उबरने में व्यायाम कर काफी लाभकारी होता है. डॉ. कोविड संक्रमण के दौरान लोगों को फेफड़े मजबूत करने के लिए योग या कसरत करने की सलाह देते है. योग में अनुलोम-विलोम और गहरी सांस लेने वाले व्यायाम काफी कारगर साबित होते है. इसके अलावा लोगों को गुब्बारे को फूलाने को भी सलाह दी जाती है. गुब्बारे को फूलाते समय हमारे फेफड़ो में हवा भरने के बाद उससे बाहर छोड़ते है. जिससे उम्मीद की जाती है लोगों को सांस से संबंधित कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.

 

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